चारधाम यात्रा में इतनी ऊंचाई होने पर लग सकती है ठंड, श्रद्धालुओं को रखना होगा इन खास बातों का ध्यान

केदारनाथ यात्रा पर आ रहे लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। इतनी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पर ठंड लगने की संभावना रहेगी क्योंकि मैदानी इलाके से आए लोगों को आदत नहीं होती। 

देहरादून: उत्तराखंड में दो साल कोरोना के बीच चारधाम यात्रा में दूसरे प्रदेशों के यात्री शामिल नहीं हो पाए थे। इस बार कोरोना का कहर कम होने के चलते चारधाम यात्रा में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। केदारनाथ यात्रा पर आ रहे यात्रियों को स्वास्थ्य को लेकर कुछ एहतियात बरतने की अपील की है। चारधाम यात्रा के लिए निकले श्रद्धालुओं से 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में कब मौसम बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। यहां पर पूरे सीजन ठंड का माहौल रहता है। हालांकि अभी एक सप्ताह से केदारनाथ में दोपहर बाद अक्सर बारिश हो रही है। जिससे इन दिनों में काफी ठंड बढ़ गई है। मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को इतनी ऊंचाई और ठंड की जगह पर रहने की आदत नहीं होती है इसलिए कई बार स्वास्थ्य समास्याओं का सामना करना पड़ता है।

इन खास बातों का रखे ख्याल
केदारनाथ धाम में आ रहे लोगों को इन खास बातों का ध्यान रखना होगा जैसे- धूम्रपान और मादक पदार्थों का सेवन न करें, पैदल मार्ग पर तेज चलने के बजाय धीरे-धीरे चलते रहे,  चिकित्सक द्वारा लिखी दवाएं पर्याप्त मात्रा में रखे, हृदय, स्वांस रोग, मधुमेह और हाईएल्टीट्यूड संबंधी रोग से पीड़ित लोग विशेष सावधानी बरतें,  गर्म कपड़े साथ में लेकर आए। स्नो इफेक्ट कम करने वाले चश्मों का प्रयोग करें, बिना पंजीकरण यात्रा न करें और अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा लें, गौरीकुंड से आगे बढ़ने से पहले हल्का योगाभ्यास करें। 

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तबीयत बिगड़ने के प्रमुख कारण 
केदारनाथ थाम में तबीयत अगर बिगड़ रही है तो लोगों ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा। तबीयत बिगड़ने का प्रमुख कारण है कि  पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग नहीं करना,  बिना डाक्टरी सलाह के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रेकिंग,  दिल की धड़कन तेज होने के बावजूद चलते रहना, पैदल मार्ग पर जंक फूड का सेवन। 

धाम में मात्र 57 फीसदी ऑक्सीजन
बता दें कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति को सांस लेने के लिए 70 प्रतिशत ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जबकि आठ हजार फीट की ऊंचाई के बाद से ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ने लगती है। जिसके  बाद केदारनाथ धाम में सांस लेने के लिए 87 फीसदी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। लेकिन यहां पर मात्र 57 फीसदी ऑक्सीजन है। जिसकी वजह से बेचैनी, बेहोश होना व हार्ट अटैक की आंशकाएं बढ़ जाती है। 

हेल्पलाइन नंबर हुए जारी
चारधाम यात्रा में आ रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है।  जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय- 01364-233727, पुलिस अधीक्षक कार्यालय रुद्रप्रयाग- 01364-233387 और जिलाधिकारी कार्यालय रुद्रप्रयाग- 01364-233300। श्रद्धालुओं को अगर किसी भी प्रकार की जरूरत हो तो वो इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते है। 

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