देश में इस समय कई राज्य बिजली की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। मौजूदा सरकार के मंत्री एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। इसी कड़ी में ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने अब इसे पिछली सरकारों की नाकामी से जोड़ दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच देश में बिजली की किल्लत बढ़ रही है। इसी कड़ी में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने झांसी में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों में बिजली पर काम नहीं हुआ है। अगर पार्टियों ने काम किया होता तो यह दिन देखना नहीं पड़ता। सुबह में लचर विद्युत व्यवस्था पिछली सरकारों की देन है। अगर उसे 50 साल के दौरान विद्युत सुधार हुए होते तो सूबे को विद्युत संकट नहीं झेलना पड़ता। लटके तार, बिजली नहीं आना यह कोई आज की समस्या नहीं बल्कि पारंपरिक समस्या है।
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने आगे कहा योगी सरकार के आने के बाद बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार शुरू हुआ। बिजली की मांग 17000 मेगावाट से बढ़ाकर 22000 मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली आपूर्ति करने वाले संयंत्र भी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहे हैं। जिस कारण से इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में तीन बिजली उत्पादन केंद्र क्षतिग्रस्त हो गए। जबतक बॉयलर ठंडे नहीं होते रिपेयरिंग नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि जहां उत्पादन होता है, वहां तापमान भी ज्यादा होता है। तत्काल रिपेयरिंग करने वाली तकनीक हमारे पास नहीं है।
जनता के साथ अच्छा मजाक है
वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बिजली बचत मतलब 12 से 18 घंटों की अघोषित बिजली कटौती। इसके बाद अगर गलती से बिजली आ जाए तो जनता अपने घर के सारे आवश्यक विद्युत उपकरण बंद करके बिजली बचत की संकल्पना को साकार करे। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि विद्युत निर्माण व वितरण के दायित्व को छोड़ कर विद्युत क्षति के नाम पर गरीब जनता के यहां छापे मारेंगे और कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार में लिप्त रहेंगे। यकीनन जनता के साथ अच्छा मजाक है।
ऊर्जा मंत्री ने गुरुवार को किया था ट्वीट
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उत्पादन इकाइयों को फिर से चालू करने के प्रयास जारी हैं। हरदुआगंज की तीन इकाइयां आंधी तूफान से क्षतिग्रस्त हो गई थीं। उन्हें फिर से चालू करवाया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों पर आपूर्ति, उत्पादन, उपभोक्ता सेवा एवं राजस्व प्राप्ति आदि की गहनता मॉनीटरिंग हो रही है। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों अवकाश के दिनों में भी जनता की सेवा करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों के कार्य दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करने पर बल दिया है।
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