ज्ञानवापी केसः सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फाइनल रिपोर्ट के 7 बड़े दावे

ज्ञानवापी सर्वेक्षण की फाइनल रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश होनी थी लेकिन उससे पहले ही सोशल मीडिया पर दो पेज की कॉपी वायरल हो रही है जिसमें सर्वे के दौरान मिले मस्जिद में देवी-देवता और मंदिर के अवशेष मिलने का जिक्र किया गया है।

वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में हुए सर्वे की रिपोर्ट गुरुवार यानी 19 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल होगी। सर्वेक्षण की रिपोर्ट को एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह पेश करेंगे। लेकिन उससे पहले ही सोशल मीडिया पर फाइनल रिपोर्ट सामने आ गई। जो काफी वायरल हो रही है। वायरल रिपोर्ट में लिखा है कि  मस्जिद के भीतर शेषनाग की आकृति के अलावा खंडित देव विग्रह, मंदिर का मलबा, हिंदू देवी-देवताओं और कमल की आकृति, शिलापट्ट मिले हैं।

वायरल हो रही रिपोर्ट में किए सात बड़े दावे
सोशल मीडिया पर दो पेज की वायरल रिपोर्ट में सात बड़े किए गए है जैसे- उत्तर पश्चिम के कोने पर छड़ गिट्‌टी सीमेंट से चबूतरे का नया निर्माण कराया गया, उत्तर से पश्चिम की तरफ चलने पर मध्य शिला पट्‌ट पर शेषनाग की कलाकृति नाग के फण जैसी मिली, मस्जिद में बैरीकेडिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा है, जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृतियां हैं। शिलापट्‌ट पर कमल की आकृति देखी गई। 

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इतना ही नहीं शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति मिली। शिलापट्‌ट पर देव विग्रह जिसमें चार मूर्तियों की आकृति देखी जा सकती है। उस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है। पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार में स्पष्ट रूप से कमल और अन्य आकृतियां थीं। चौथी आकृति जो मूर्ति की तरह दिखती है, उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है। जमीन पर मिले शिलापट्ट देखने में ऐसे लग रहे थे कि वे लंबे समय से वहीं पड़े हों। वे किसी बड़े भवन के खंडित अंश नजर आ रहे थे। दो पेज की वायरल हो रही रिपोर्ट को सोशल मीडिया में जमकर शेयर कर रहे है।

विडियोग्राफी से संबंधित चिप लॉकर में सुरक्षित रखी 
अजय कुमार मिश्रा की अगुआई में 6 और 7 मई को सर्वे की कार्यवाही हुई थी। इसके बाद 14 से 16 मई तक तीन एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हुआ था। अजय मिश्रा ने बताया कि विडियोग्राफी से संबंधित चिप स्टेट ट्रेजरी के लॉकर में सुरक्षित रखी गई है। एडवोकेट कमिश्नर अजय ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अदालत के आदेश पर सभी पक्षकारों के साथ 6 मई को दोपहर 3:30 बजे सर्वे शुरू किया गया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि ज्ञानवापी बैरिकेडिंग के बाहर से शुरू की गई कार्यवाही पहले दिन 5:45 बजे तक चली थी। उसके बाद 7 मई को दोपहर 3 बजे कमीशन की कार्यवाही में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी मौजूद नहीं था। उस दिन प्रतिवादी प्रदेश सरकार, पुलिस आयुक्त, डीएम ने असहयोग और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया।

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