पूर्व IPS दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ को मिली जमानत, दोनों के घर जाकर परिजनों से मिली थीं प्रियंका

राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस की नेता सदफ जफर को शुक्रवार को जमानत मिल गई। इन लोगों को 19 दिसंबर को लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 11:20 AM IST / Updated: Jan 03 2020, 05:06 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस की नेता सदफ जफर को शुक्रवार को जमानत मिल गई। इन लोगों को 19 दिसंबर को लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ के एडीजे संजय शंकर पांडेय ने इन दोनों के अलावा पवन राव अम्बेकर की जमानत को मंजूरी दे दी।

क्या है दारापुरी और सदफ जफर पर आरोप 
बता दें, हिंसा मामले में रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी समेत चार अन्य को कुर्की का नोटिस भेजा गया है। हालांकि, पुलिस ने उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जो सूची तैयार की थी, उसमें इन चारों का नाम नहीं शामिल था। एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने बताया था, गलती से चारों का नाम सूची में नहीं डाला जा सका था। दारापुरी, एक्टिविस्ट सदफ जफर, दीपक कबीर और मो. शोएब को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। चारों पर आरोप है कि उन्होंने धारा 144 लागू होने के बाद भी गैरकानूनी रूप से लोगों को बुलाकर सम्मेलन किया, जिसके दौरान उपद्रव और हिंसा हुई।

प्रियंका ने कहा था दारापुरी और सदफ जफर के बारे में कही थी ये बात
बीते दिनों राजधानी लखनऊ के दौरे पर आईं कांग्रेस महासचिव ने पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी और सदफ जफर के परिजनों से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने कहा था, 77 साल के रिटायर्ड ऑफिसर एस.आर. दारापुरी को घर से गिरफ्तार किया गया, जो अंबेडकरवादी हैं। उन्होंने प्रदर्शन को लेकर एक फेसबुक पोस्ट डाली थी, जिसमें प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति की अपील की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मैं उनके घर गई। वहां जाते ही किसी को भी पता चल जाएगा कि दारापुरी कितने साधरण इंसान है। उनके घर में हर जगह किताबें नजर आती है।

प्रियंका ने कहा था, लखनऊ में हिंसा के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया गया। वो तो सड़क पर खड़े होकर सिर्फ वीडियो बना रही थीं। मैं उनके घर गई थी। 10 साल का बेटा, 16 साल की बेटी आज अकेली रह रहे हैं।  



सदफ के मामले में कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है, जिसमें सदफ जफर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। बता दें, सदफ की बहन नाहीद वर्मा की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार-2 ने योगी सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने यह मांग भी की कि प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक स्तर के किसी अधिकारी से कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।

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