4 साल पहले 30 लाख रुपए देकर लिया था फ्लैट, अब बैंक ने लगा दिया नीलामी का नोटिस

चार साल पहले लखनऊ में प्राइवेट बिल्डर से फ्लैट लेना एक दम्पत्ति को मंहगा पड़ गया। फ्लैट का पूरा भुगतान करने के बाद भी उस पर बैंक ने नीलामी का नोटिस चस्पा कर दिया जबकि दम्पत्ति ने बैंक से लोन लिया ही नहीं है

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2019 9:06 AM IST / Updated: Dec 04 2019, 02:43 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh ). चार साल पहले लखनऊ में प्राइवेट बिल्डर से फ्लैट लेना एक दम्पत्ति को मंहगा पड़ गया। फ्लैट का पूरा भुगतान करने के बाद भी उस पर बैंक ने नीलामी का नोटिस चस्पा कर दिया जबकि दम्पत्ति ने बैंक से लोन लिया ही नहीं है। दरअसल उस फ्लैट का फर्जी दस्तावेज तैयार कर कम्पनी ने ही उस पर लोन ले रखा था। फ्लैट के मालिक की तहरीर पर विभूतिखंड थाने में कम्पनी के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड में रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने और करीब चार साल रहने के बाद बैंक से नीलामी नोटिस मिलने पर बुजुर्ग दंपती के होश उड़ गए हैं । विभूतिखंड थाने में दी गई तहरीर के अनुसार दम्पत्ति ने एंडीज टाउन प्लानर्स कंपनी से 29.56 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा था। आरोप है कि कंपनी ने फ्लैट के फर्जी पेपर लगाकर बैंक से लोन ले लिया था। जालसाजी का पता चलने पर पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में कंपनी मालिक सहित तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।  

2010 में बुक करवाया था फ्लैट 
रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 602 निवासी राना गुफरान के मुताबिक उन्होंने वर्ष 2010 में एंडीज टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से फ्लैट बुक करवाया था । वर्ष 2015 तक कंपनी को सम्पूर्ण 29.56 लाख रुपये का भुगतान करके फ़्लैट पर कब्जा ले लिया। पीड़िता के अनुसार उन्होंने फ्लैट की रजिस्ट्री भी करवाई थी। इसके बाद वह पति गुफरान अहमद के साथ रहने लगीं। 

बैंक ने फ्लैट पर चिपकाया नोटिस 
16 नवंबर 2019 बैंक की तरफ से किस्त जमा न होने पर फ्लैट पर नोटिस चिपका दिया। 23 दिसंबर को फ्लैट नीलाम होने की जानकारी पर बुजुर्ग दंपत्ति के होश उड़ गए । पीड़िता के मुताबिक़ उन्होंने कोई लोन नहीं लिया था। ऐसे में बैंक किस चीज के पैसे मांग रहा है वह इससे अनजान हैं। 

मुकदमा दर्ज कर शुरू हुई जांच 
इंस्पेक्टर विभूतिखंड राजीव द्विवेदी के अनुसार रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पीड़िता की तहरीर पर कंपनी मालिक परेश रस्तोगी, दीपक रस्तोगी और पियूष रस्तोगी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रारम्भिक छानबीन में फ्लैट बेचने वाली कंपनी द्वारा फ्रॉड किए जाने का मामला सामने आ रहा है। 
 

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