चित्रकूट जेल में गैंगवारः मुख्तार के 2 गुर्गों को गैगेस्टर अंशु दीक्षित ने जान से मारा, जानिए उसकी पूरी कहानी

सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया। साल 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था। बाद में बाहर आ गया।
 

Asianet News Hindi | Published : May 14, 2021 9:17 AM IST / Updated: May 14 2021, 04:36 PM IST

चित्रकूट । जिला जेल चित्रकूट में शुक्रवार को गैंगवार हो गया। इस दौरान पश्चिमी यूपी के गैंगेस्टर अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे मेराज और मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जनों राउंड गोलियां चलीं,भारी पुलिस बल ने जेल के अंदर ही अंशुल दीक्षित का एनकाउंटर कर दिया। ऐसे में हम आपको गैंगेस्टर अंशु दीक्षित के गुनाहों की पूरी कहानी बता रहे हैं। 

ऐसे अपराध जगह में आया था अंशुल
सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया। साल 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था। बाद में बाहर आ गया।

ऐसे पहुंचा था चित्रकूट जेल
2019 में दिसंबर में सुल्तानपुर जेल में वीडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जेल भेजा गया था। बता दें कि उसे यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर जिले के गोरखनाथ थाना क्षेत्र से 2014 में गिरफ्तार किया था। उसपर सीएमओ विनोद आर्या और लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप था। 

एसटीएफ के सामने खोला था ये राज
एसटीएफ की पूछताछ में अंशू ने स्वीकार किया कि वह सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिए साथियों की तलाश करने के लिए गोरखपुर आया था। बदमाश पर जीआरपी सीतापुर ने 5 हजार जबकि भोपाल मध्य प्रदेश की पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था।

अंशु दीक्षित ने ली थी सुपारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंशु दीक्षित ने काला को मारने की सुपारी ली थी। इसे अंजाम देने के लिए उसने सेटिंग से चित्रकूट जेल में अपना ट्रांसफर करवाया था। हालांकि इस बात की एशियानेट हिंदी पुष्टि नहीं करता है। 

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