पिता की डेथ पॉलिसी के लिए पड़ोसी ने किया बच्ची को किडनैप, खुद को फंसता देख 11 साल की मासूम को उतारा मौत के घाट

यूपी के गाजियाबाद में 11 साल की बच्ची को अगवा कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। दरअसल, पिता की मौत के बाद बेटी को बीमा की रकम मिलनी थी। इस बात की जानकारी पड़ोस में रहने वाले युवक को हो गई थी। 

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक 11 साल की मासूम को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई। बता दें कि मृतका खुशी के पिता की मौत के बाद डेथ क्लेम पॉलिसी के 26 लाख रुपए बीमा कंपनी से मिलने थे। जिसकी जानकारी उनके पड़ोस में रहने वाले बबलू को हो गई थी। इसलिए आरोपी बबलू ने खुशी को अगवा कर हत्या की साजिश बना डाली। आरोपी ने खुशी को अगवा कर 30 लाख की फिरौती भी मांगी। लेकिन पुलिस द्वारा घेराबंदी करने से घबराए आरोपियों ने खुशी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को बुलंदशहर के जंगल में फेंक कर फरार हो गए। फिलहाल पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है।  

बच्ची को मिलने थे बीमा के पैसे
बता दें कि हरियाणा में सोनीपत जिले का गांव टोकी मनोली निवासी मोनू सिंह की गाजियाबाद निवासी ममता से शादी हुई थी। दंपति के दो बच्चे खुशी और विवेक हैं। वर्ष 2015 में एक सड़क हादसे में मोनू की मौत के बाद ममता की शादी उसके देवर सोनू से करवा दी गई। वहीं उनकी बड़ी खुशी गाजियाबाद में अपने नाना-नानी के पास रहती थी। पहले पति मोनू सिंह की डेथ पॉलिसी के रूप में बीमा कंपनी से 26 लाख रुपए मिलने थे। सोनू और ममता ने यह तय किया था कि मिलने वाले पैसे वह खुशी के नाना-नानी को देंगे। जिससे कि बेटी की परविरश अच्छे से की जा सके। वहीं खुशी के नाना-नानी ने तय किया था कि इस रकम से वह खुशी के लिए एक प्लॉट लेंगे। इसके लिए उन्होंने जमीन भी देख रखी थी।

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पड़ोसी ने किया था बच्ची को अगवा
इधर पड़ोस में रहने वाले बबलू को बीमा कंपनी से मिलने वाले पैसों की जानकारी हो गई थी। बबलू को लगा कि अगर वह खुशी को अगवा कर लेगा तो उसके घर वालों से अच्छी-खासी फिरौती मिल जाएगी। बीते 20 नवंबर को मेला दिखाने का बहाना बना कर आरोपी खुशी को अपने साथ लेकर चला गया। इसके बाद उसने नंदग्राम इलाके में शनिदेव मंदिर के पास अमित नामक शख्स को खुशी को सौंप दिया। वहीं अमित खुशी को लेकर दादरी बाइपास पर पहुंचा। इस दौरान गंभीर नामक शख्स वहां पर स्कूटी लेकर पहले से खड़ा था। वह बच्ची को लेकर बुलंदशहर चला गया। खुशी को गाजियाबाद से इसलिए इतनी दूर रखा गया, जिससे कि किसी को उसके बारे में पता ना चल सके।

नजदीकी पर है पुलिस को शक
वहीं फिरौती की कॉल आने पर मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने आसपास के लोगों से मामले की पूछताछ करनी शुरू कर दी। इसके अलावा बॉर्डर एरिया में भी नाकाबंदी करवा दी गई। इससे बबलू और गंभीर घबरा गए। उन्हें लगा कि पुलिस कभी भी उन तक पहुंच सकती है। इसलिए आरोपियों ने बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया। बीते 22 नवंबर को बुलंदशहर के स्थानीय लोगों की निशानदेही पर पुलिस ने शव को बरामद कर लिया। पुलिस को आशंका है कि खुशी को अगवा करने में किसी नजदीकी का हाथ भी है। फिलहाल पुलिस ने बबलू समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपियों से मामले की पूछताछ कर रही है। 

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