
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। मामूली सी बात पर नाराज होकर एक 18 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि पारस मां से बुलेट मोटरसाइकिल और नए फोम की मांग कर रहा था। लेकिन मां द्वारा मना किए जाने के बाद नाराज बेटे ने ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया। एक साल पहले पारस ने साइकिल नहीं दिलाए जाने पर नींद की गोलियां खा ली थी। यह घटना शिप्रा सनसिटी फेज वन की है।
जिद पूरी ना होने पर बेटे ने दी जान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुषमा अपने दोनों बेटों पीयूष और पारस के साथ फ्लैट में रहती हैं। पीयूष नोएडा सेक्टर-60 में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। वहीं पारस के एक पैर में लकवा होने के कारण उसने 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। बताया जा रहा है कि सुषमा का उनके पति के साथ तलाक हो चुका है। जिसके बाद वह अपने दोनों बेटों के साथ अलग रह रही थीं। सोमवार रात 8 बजे पारस अपने कमरे में था। उसकी मां ने बाहर से आवाज लगाई तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला। जब उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो बेटा पारस फांसी पर लटका हुआ था। जिसके बाद मामले की सूचना मिलने पर इंदिरानगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर पारस के शव को नीचे उतारा। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
पुलिस कर रही मामले की पड़ताल
वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इस मामले पर पुलिस मृतक की मां से पूछताछ कर रही है। उसकी मां ने बताया कि पारस अक्सर बुलेट मोटरसाइकिस और नए मोबाइल की डिमांड करता था। जिसपर वह हर बार उसे मना कर देती थीं। शायद इसी बात से क्षुब्ध होकर उसने अपनी जान दे दी। सुषमा ने बताया कि पारस अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। करीब 6 साल पहले बड़े भाई ने आत्महत्या कर ली थी। इसके वह वह और पीयूष रह गए थे। अब पारस ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वहीं दो बेटों को खोने और पति से विवाद के बाद सुषमा पूरी तरह से टूट गई हैं।
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