अगर बच भी गई तो फिर से मार देना... जानें क्यों छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखीं ऐसी बातें

इटावा के स्पोर्ट्स कॉलेज की छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान। मौके से सुसाइड नोट बरामद। पुलिस कर रही है जांच। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2019 6:43 AM IST / Updated: Jul 24 2019, 12:51 PM IST

इटावा: उत्तर प्रदेश के सैफई में स्थित मेजर ध्यानचंद्र स्पोर्ट्स काॅलेज की  छात्रा ने मंगलवार की सुबह गर्ल्स हॉस्टल में अपने कमरे में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। उसके कमरे से पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें छात्रा ने  कोच की पत्नी यामिनी मैम का जिक्र किया है। लिखा है कि "अब मैं कभी नहीं बोलूंगी। अगर बच भी गई तो फिर से मार देना। मेरी यह गलती थी कि मैं बोल नहीं पाती कोई भी बात। मैं इस दुनिया में रहने लायक नहीं हूं। गुड बॉय।"  पुलिस आत्महत्या के कारण का पता लगाने में जुटी है। 

आगरा जिले के जरार गांव निवासी 15 वर्षीय सलोनी बैडमिंटन की खिलाड़ी थी और स्पोर्ट्स कालेज की कक्षा 8 की छात्रा थी। रूम मेट आयना गुप्ता ने बताया कि "दीदी (सलोनी) रात में डायरी में कुछ लिख रही थी। धीरे-धीरे बोल भी रही थी कि मैं जिंदगी से तंग आ गई हूं। यह कदम तो मुझे बहुत पहले उठा लेना चाहिए था। पूछने पर उन्होंने कोई बात नहीं कहते हुए बात को टाल दिया। उसके बाद हम सो गए। सुबह जब 4 बजे नींद खुली तो दीदी पंखे से लटकी हुई थी।" 

Latest Videos

वहीं, सलोनी के पिता विजय कुमार का कहना है कि कॉलेज प्रशासन उनकी बेटी को प्यार से रखता था। उन पर उनका कोई आरोप नहीं है और न ही वह उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई चाहते हैं। लेकिन छात्रा के रूम से बरामद सुसाइड नोट में यामिनी मेम का जिक्र आया है। यामिनी एक कोच की पत्नी हैं और उनका छात्रा से क्या कनेक्शन है? यह जांच का विषय है। सीओ ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
अमेरिका ने लौटाया भारत का 'खजाना', 297 नायाब चीजों के साथ वापस लौटेंगे PM Modi । India America
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?