गोरखपुर: बेटे और पोतियों की सुसाइड के बाद छलका दादा का दर्द, कहा- अंतिम संस्कार के समय जेब में थे 130 रुपए

यूपी के गोरखपुर में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक पिता ने अपनी 2 बेटियों के साथ खुदकुशी कर ली। अब उनके परिवार में केवल बुजुर्ग दादा बचे हैं। 3 लाशों को 12 कंधे भी नसीब नहीं हुए। पुलिस की मदद से अंतिम संस्कार कराया गया।

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक पिता ने अपनी 2 बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। घर में अकेले बचे दादा ने पुलिस की मदद से तीनों का अंतिम संस्कार किया। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण रिश्तेदारों ने पहले ही परिवार से मुंह मोड़ लिया था। तीन लाशों को 12 कंधा भी नसीब नहीं हुए। अंतिम संस्कार के दौरान बुजुर्ग दादा ओम प्रकाश के पास मात्र 130 रुपए थे। अंतिम संस्कार के बाद ओम प्रकाश ने अपना दर्द साझा किया। शाहपुर के गीता वाटिका के घोसीपुरवा में 60 वर्षीय ओम प्रकाश अपने परिवार के साथ रहते थे। दो दिन पहले उनके परिवार में 45 वर्षीय बेटा जितेंद्र और दो पोतियां 16 वर्षीय मान्या श्रीवास्तव उर्फ रिया और 14 वर्षीय मानवी श्रीवास्तव उर्फ जिया भी साथ थे।

आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कर ली आत्महत्या
बुजुर्ग ओम प्रकाश ने बताया कि परिवार के आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्होंने बेटे की मदद करने के लिए 60 साल की उम्र में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात वह रोज की तरह खाना खाकर 10 बजे ड्यूटी पर चले गए। जब वह मंगलवार को घर पहुंचे तो गेट पहले से ही खुला था। जब अंदर जाकर देखा तो एक कमरे में बेटे जितेंद्र और दूसरे कमरे में दोनों पोतियों की लाश फंदे पर लटकी मिली। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। शुरूआती जांच में सामने आया कि परिवार की आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण तीनों ने आत्महत्या कर ली। ओम प्रकाश ने बताया कि इस दौरान उनकी जेब में केवल 130 रूपए थे।

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पुलिस की मदद से किया अंतिम संस्कार
ओम प्रकाश ने कहा कि वह अपने जीते जी तो कुछ अच्छा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की आत्मा की शांति के लिए क्या वह घर में हवन और पूजा-पाठ भी नहीं करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमेशा कि तरह इस मुश्किल समय में भी परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। घर पर पुलिस का ताला लगा है। परिवार में छूतका लगने के कारण चूल्हा भी नहीं जल सकता। ऐसे समय में पुलिस ही उनका परिवार बनी है। बता दें कि अंतिम संस्कार के सारे इंतजाम शाहपुर इंस्पेक्टर रणधीर मिश्रा ने कराए। जब मृतकों की अंत्येष्टि के लिए पांच सदस्य भी नहीं मिले तो पुलिस ने यह क्रिया भी पूरी कराई। वहीं घर में पूजा-पाठ और हवन कराने के लिए भी पुलिस और अन्य लोग मदद कर रहे हैं।

कई लोगों से ले रखा था कर्ज
बुजुर्ग पिता ने बताया कि उनके बेटे जितेंद्र ने पत्नी के इलाज और बेटियों की पढ़ाई के अलावा अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए कई लोगों से कर्जा ले रखा था। लेकिन जितेंद्र पिता को इन सारी बातों की जानकारी इसलिए नहीं देता था कि वह परेशान ना हों। ओम प्रकाश ने बताया कि इस दौरान लोग अपना पैसा मांगने के लिए आते थे। जितेंद्र की पत्नी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो चुकी है। आर्थिक तंगी से परेशान होकर जितेंद्र और उनकी दोनों बेटियों ने आत्महत्या कर ली।

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