गोरखपुर में शोरूम के उद्घाटन को देखते रहे गए VIP और मजदूर के बच्चों ने काटा फीता

यूपी के जिले गोरखपुर में गुरुवार को एक शोरूम के उद्घाटन में फर्म संचालक ने किसी VIP को नहीं बुलाया, बल्कि जिन मजदूरों ने इस शोरूम को बनाकर तैयार किया, उन्हीं के बच्चों ने शोरूम का फीता काटकर उद्घाटन किया।

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2022 6:44 AM IST

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में एक शोरूम के उद्घाटन में अनोखा ही नजारा देखने को मिला। इससे पहले शायद ही ऐसा नजारा देखने को कभी मिला होगा। शहर में एक कार के शोरूम का उद्घाटन के लिए फर्म संचालक ने किसी भी वीआईपी गेस्ट को नहीं बुलाया बल्कि जिन मजदूरों ने इसको बनाकर तैयार किया उन्हीं के बच्चों ने शोरूम का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस काम को देखकर सभी लोग हैरान थे। बच्चों के द्वारा फीता काटने के बाद ही गाड़ियों की डिलेवरी शुरू हुई।

उद्घाटन देख नजारे देखते रहे गए VIP
जानकारी के अनुसार यह उद्घाटन शहर के तारामंडल रोड स्थित देवरिया बाइपास पर हुआ। हैरान करने वाली बात तो यह है कि फर्म के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल सहित यहां के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने मजदूरों के बच्चों को वीआईपी प्रोटोकॉल भी दिया। शोरूम का फीता काटने के दौरान बच्चे की माताएं उनके साथ मौजूद रहीं। उसके बाद बच्चों ने केक को भी काटा। हालांकि इस दौरान शहर के तमाम प्रतिष्ठित लोगों को भी कार्यक्रम में बुलाया गया था। इसके साथ ही कार की बुकिंग करा चुके ग्राहक भी काफी अधिक संख्या में गाड़ियां लेने पहुंचे थे।

रेड कार्पेट पर हुआ मजदूरों के बच्चों का स्वागत
शोरूम के उद्घाटन के लिए रेड कार्पेट पर बच्चों का स्वागत किया गया। जब फीता कटने की बारी आई तो अचानक वहां कुछ बच्चे अपनी माताओं के साथ पहुंचे। उनके पहुंचते ही संस्था के कर्मचारियों ने उन्हें फूल और बुके देकर स्वागत किया। उसके बाद ही बच्चों ने शोरूम का फीता काटा। शोरूम के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि वीआईपी लोगों को तो ऐसे उद्घाटन करने के बहुत सारे मौके मिलते रहते हैं लेकिन मजदूरों ने अपनी कड़ी मेहनत से इस शोरूम को बनाकर तैयार किया।

उद्घाटन को लेकर मजदूरों को ठहराया असली हकदार
अभिषेक अग्रवाल आगे कहते है कि ऐसे शोरूम खुलने के बाद वह और उनके बच्चे उसके अंदर घुसने से भी डरते हैं और मेरा मानना है कि जिन्होंने इसे बनाकर तैयार किया, उसके उद्घाटन के असली हकदार वही हैं। ऐसा करने के बाद बच्चों के साथ उनकी माताओं के चेहरे पर जो खुशी थी और ऐसा करके मुझे जो खुशी मिली, वह शायद हजारों गाड़ियां बेचने के बाद भी न मिलती। शहर में ऐसा उद्घाटन देखकर हर कोई दंग रह गया। शायद ही ऐसा पहले कभी देखा गया हो कि वीआईपी से उद्घाटन न कराकर मजदूरों या उनके बच्चों से कराया गया हो।

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