गोरखपुर में तकनीकि समस्या के चलते आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीमार लोग इसके चलते चक्कर काटने को मजबूर हैं और उन्हें पैसों की दिक्कत भी हो रही है।
अनूप शुक्ला
गोरखपुर: जनपद में नए वर्जन का पोर्टल लांच होने से आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। बीमार मरीजों का आयुष्मान कार्ड नहीं बनने की वजह से वह पैसों के आभाव में इलाज के लिए लाचार दिखाई पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सामने आ रही इस दिक्कत की वजह नए वर्जन का पोर्टल लांच होना है। फिलहाल सॉफ्टवेयर की इस समस्या को लेकर बताया जा रहा है कि लोगों को अभी कुछ दिन और इससे जूझना पड़ेगा। इसके चलते आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को आने वाले दिनों में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अभी कुछ लाभार्थियों का डाटा फीड नहीं हो पा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही लाभार्थियों को इन समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
लाभार्थियों का डेटा फेच करने में आ रही दिक्कत
गौरतलब है कि मरीजों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पहले वीआईसी-1.0 पोर्टल का इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि अब इसको लेकर वीआईएस-2.0 वर्जन का नया पोर्टल शुरू हुआ है। नया वर्जन होने की वजह से अभी पुराने वर्जन के बैकअप नहीं आए हैं। इसके चलते ही लाभार्थियों का डाटा फेच होने में प्रॉब्लम आ रही है। यही वजह है कि लिस्ट में जिन होल्डरों का नमा है, उनका नाम पोर्टल पर अभी नहीं दिख रहा है। मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान होल्डर का एचएच आईडी में आधार वेरिफिकेशन की प्रॉबलम आने की वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है. साथ ही नए पोर्टल पर आवेदन करने वाले आयुष्मान कार्ड होल्डर का नाम तक शो नहीं कर रहा है। इसके नाते कार्ड बनाने में समस्या बनी हुई है।
काफी लोगों नहीं बन पाए आयुष्मान कार्ड
आपको बात दें कि जिले में 19 लाख लाभार्थियों में से 14 लाख 20 हजार का अब तक कार्ड ही नहीं बन सका है। मरीज के इलाज के लिए लाभार्थी कार्ड बनवाने को अफसरों से लगायत जनसुविधा केंद्रों तक का चक्कर काट रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो पा रहा है। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने के चलते तकरीबन 25 हजार आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाए हैं। वहीं इस मामले को लेकर जब डिप्टी सीएमओ डॉ. एके सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की नए सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की वजह से समस्या आ रही है। समस्या को लेकर टेक्निशियन से बात की गई हैं। जल्द ही इसका निदान भी किया जाएगा।
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