शिवलिंग को सुरक्षित करें लेकिन नमाजियों को भी न रोकें, ज्ञानवापी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की 3 बड़ी बातें

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करे, लेकिन इसके साथ ही नमाज पढ़ने वालों को भी न रोका जाए। 

Asianet News Hindi | Published : May 17, 2022 12:41 PM IST / Updated: May 17 2022, 08:23 PM IST

Gyanvapi Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के भीतर अगर  कोई शिवलिंग मिला है तो उसे सुरक्षित किया जाए, लेकिन नमाजियों को वहां नमाज पढ़ने से न रोका जाए। मुस्लिम पक्ष के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में याचिका पूजा का अधिकार देने के लिए लगाई गई है ना कि मालिकाना हक पाने के लिए। जानें, ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट की 5 बड़ी बातें। 

1- सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि सर्वे की स्थिति क्या है? इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मस्जिद परिसर को सील कैसे किया जा सकता है। लोकल कोर्ट द्वारा गैरकानूनी आदेश जारी किया गया है। अगर मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोका जाता है तो ये 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन होगा। 
2- सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील से कहा कि ये पूरा केस पूजा की अनुमति मांगने का है, ना कि मालिकाना हक। इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत 15 अगस्त 1947 को जो धर्म स्थल जिस हालत में थे, उन्हें नहीं बदला जा सकता। लेकिन लोकल कोर्ट ने जिस तरह उस परिसर को सील किया है, उससे संदेह पैदा होता है। 
3- सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को सुझाव देते हुए कहा कि हम उस जगह पर पूजा-पाठ की याचिका खारिज करने के लिए निचली अदालत को आदेश दे सकते हैं। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि आप सभी निर्देशों को रद्द करें, क्योंकि ये सब गैरकानूनी हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच कर रही है।

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क्या है ज्ञानवापी विवाद : 
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कुछ महीनों पहले 5 महिलाओं ने वाराणसी की लोकल कोर्ट में श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित पूजा के लिए एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने नियमित रूप से पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी थी। इस पर कोर्ट ने मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया था। जिस पर मुस्लिम पक्ष ने सर्वे कराने से इनकार करते हुए हंगामा किया था। बाद में कोर्ट ने इस मामले में कमिश्नर नियुक्त करते हुए 14 से 16 मई के बीच सर्वे के आदेश जारी किए थे। 3 दिन तक चले सर्वे के बाद सोमवार 16 मई को मस्जिद में वजू करने वाली जगह पर 12 फीट का शिवलिंग मिला, ऐसा दावा हिंदू पक्ष ने किया। इसके साथ ही हिंदू पक्ष ने सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट के लिए कोर्ट से 2 दिन का समय और मांगा था, जिसे कोर्ट ने 19 मई तक कर दिया है।

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