ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के दोनों जज का अयोध्या राममंदिर कनेक्शन क्या जानते हैं आप

बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच इसकी सुनवाई कर रही है। बेंच में शामिल दोनों जज का क्या आप अयोध्या राम मंदिर कनेक्शन जानते हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : May 17, 2022 3:22 PM IST

नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के बाद अब बनारस का ज्ञानवापी। सोशल मीडिया पर लोग खूब संयोग खोज रहे हैं। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi mosque case) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई कर रहे जजों का राम मंदिर से कनेक्शन क्या आप जानते हैं। ज्ञानवापी से जुड़ा केस ही नहीं कई बड़े मामलों में इन्होंने बेहद संतुलित और कड़े आदेश दिए हैं। 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा कर रहे सुनवाई

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) और पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) की दो-न्यायाधीशों की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियाग्राफी को चुनौती दी गई है, जिसमें दावा किया गया है कि मंदिर के कुछ हिस्से मस्जिद परिसर के अंदर हैं।

पांच हिंदू महिलाओं ने एक स्थानीय अदालत से इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के साथ-साथ अन्य "पुराने मंदिर परिसर के भीतर दृश्यमान और अदृश्य देवताओं" के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट तीन गुंबदों, भूमिगत बेसमेंट और तालाब सहित मस्जिद परिसर के वाराणसी कोर्ट के आदेश वाले वीडियो मूल्यांकन को चुनौती देने वाली एक चुनौती पर सुनवाई कर रहा है।

राम मंदिर मामले की सुनवाई में भी शामिल रहे थे दोनों न्यायाधीश

दिलचस्प बात यह है कि 2019 में अयोध्या फैसले के बाद से सुप्रीम कोर्ट में यह पहला मंदिर-मस्जिद मामले की सुनवाई हो रही है और दोनों जजों का राम मंदिर मामले से संबंध है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उन पांच जजों में से एक थे, जिन्होंने 2019 में अयोध्या मंदिर-मस्जिद मामले की सुनवाई 40 दिनों तक की और राम मंदिर निर्माण के लिए बाबरी स्थल को सौंपने और मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन का आदेश देने से पहले ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

जस्टिस पीएस नरसिम्हा थे हिंदू याचिकाकर्ताओं के सीनियर वकील

जस्टिस पीएस नरसिम्हा अयोध्या मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ वकील थे। उन्होंने मूल याचिकाकर्ता गोपाल सिंह विशारद के उत्तराधिकारी राजेंद्र सिंह का प्रतिनिधित्व किया। गोपाल सिंह विशारद ने 1950 में याचिका दी थी कि उन्हें बिना किसी रुकावट के उनके जन्मस्थान पर भगवान राम की पूजा करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने इलाके से राम की मूर्तियों को हटाने पर रोक लगाने की भी मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से केस लड़ने वाले पीएस नरसिम्हा को 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।

दोनों न्यायाधीश चीफ जस्टिस बनने की कतार में...

दोनों न्यायाधीश, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति नरसिम्हा, मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ इस साल के अंत में दो साल के कार्यकाल के लिए मुख्य न्यायाधीश बनेंगे, और न्यायमूर्ति नरसिम्हा 2027 में शीर्ष पद के लिए नियत हैं।

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