सार

बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद परिसर विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में आदेश दिया है। 

नई दिल्ली। पूरे देश में सुर्खियां बनी ज्ञानवापी परिसर केस (Gyanvapi Masjid Case) में सर्वे कराने का मामला नए नए विवादों को जन्म दे रहा है। हालांकि, सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद सभी की भावनाओं का ख्याल रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है उसे सुरक्षित रखा जाए। साथ ही कोर्ट ने किसी को नमाज अदा करना जारी रखने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग वाली जगह को सुरक्षित रखा जाए और नमाज करने से भी किसी न रोका जाए। सर्वे के खिलाफ मसाजिद कमेटी ने याचिका दाखिल की है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ कर रही है। सोमवार को वाराणसी की एक अदालत ने जिला प्रशासन को परिसर के अंदर सर्वेक्षण स्थल को सील करने का निर्देश दिया है। 

दूसरा पक्ष भी पहुंचा है सर्वाेच्च न्यायालय

मुस्लिम पक्ष के अलावा एक दूसरा पक्ष हिंदू सेना ने  भी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका के मामले में हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगा रखी है। इसमें मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करने की मांग की गई है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में 16 मई को अर्जी दाखिल की है। उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत पूजा करने का अधिकार मांगा है।

कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से कर दिया था इनकार

चार दिन पहले यानी 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट फुजैल अहमदी ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को तुरंत रोकने की याचिका दाखिल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले इससे जुड़ी फाइलें देखने और फिर कोई आदेश देने की बात की थी। उधर, 
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की शुरुआत 14 मई से हुई थी। सर्वे के आखिरी दिन हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग निकला है। इसके बाद अदालत ने उस जगह को सील करने का आदेश दिया था। 

मुस्लिम पक्ष बता रहा फव्वारा

हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग होने की बात कही जा रही है वह गलत है। मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया है। ज्ञानवापी मस्जिद के वकील रईस अहमद अंसारी के मुताबिक फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है।