हमीरपुर में डिलीवरी के लिए अस्पताल जा रही महिला के परिजनों ने एंबुलेंस स्टॉफ पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है। सीएमओ ने कहा कि यह आरोप गलत है। इसके बाद भी मामले की जांच करवाई जा रही है। यदि स्टॉफ दोषी होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर से गंभीर मामला सामने आया है। गर्भवती महिला के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रसूता को एंबुलेंस से सिर्फ इसलिए नीचे उतार दिया गया, क्योंकि परिजन एंबुलेंस स्टॉफ को एक हजार रुपए नहीं दे पाए। वहीं एंबुलेंस स्टॉफ ने परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। परिजनों का कहना है कि भौंरा गांव से प्रसूता को लेकर मौहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाया जा रहा था। इसी बीच पैसों पर विवाद होने के कारण एंबुलेंस स्टाफ ने महिला को नीचे जंगल में उतार दिया।
एंबुलेंस स्टॉफ पर लगाया पैसे मांगने का आरोप
एंबुलेंस चालक अभिषेक कुमार व ईएमटी अजीत कुमार के अनुसार, भौंरा गांव निवासी उत्तम कुमार निषाद ने जानकारी दी थी कि उनकी पत्नी रेखा निषाद को तेज प्रसव पीड़ा हो रही है। मामले की जानकारी मिलने पर वह एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे और गर्भवती महिला को उसके स्वजनों और आशा बहु के साथ लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौहर की ओर आ रहे थे। ईएमटी ने बताया कि तेज प्रसव पीड़ा के साथ ही महिला का जिलीवरी समय भी काफी कम बचा था। इसलिए वह प्रसूता को लेकर वहां से एक किलोमीटर दूर पंधरी एएनएम सेंटर लेकर जाने लगे।
एंबुलेंस स्टॉफ ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
इसी दौरान प्रसूता के ससुर रामस्वरूप निषाद ने पारा गांव के पास अचानक से हंगामा करना शुरूकर दिया और जबरन एंबुलेंस का दरवाजा खोल प्रसूता को एंबुलेंस से नीचे उतार लिया। उसके बाद वह प्रसूता को प्राइवेट गाड़ी से ले जाने की बात करने लगे। एंबुलेंस स्टॉफ के काफी समझाने के बाद उन्हें और प्रसूता को गाड़ी में बिठाकर मौहर पीएचसी पहुंचाया गया। स्टॉफ ने बताया कि मौहर पीएचसी छोड़ने के एवज में प्रसूता के परिजनों ने उन पर एक हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया है। सीएमओ डा. एके रावत ने कहा कि रिश्वत मांगने का आरोप सरासर गलत है। मामले की जांच कराने के बाद यदि वह दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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