ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज, जिला जज की अदालत में मुस्लिम पक्ष रखेगा दलील

वाराणसी के ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज यानी 4 जुलाई को दोपहर 2 बजे से जिला जज की अदालत में होगी। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रखेगा। वहीं दूसरी ओर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि, आज मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें जारी रखेगा। उनके अनुसार, मामला चलने योग्य नहीं है, लेकिन हमने कहा है कि यह बनाए रखने योग्य है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 4, 2022 3:10 AM IST / Updated: Jul 04 2022, 08:56 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले की सुनवाई एक बार फिर सोमवार से शुरू होने जा रही है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश एक बार फिर से इस मामले में सुनवाई करेंगे। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश दोपहर दो बजे से अदालत में इसपर सुनवाई करेंगे। कोर्ट में आज होनी वाली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष अपनी दलीले रखेगा। मुस्लिम पक्ष 33 बिंदुओं में अपने बचे हुए 22 बिदुंओं पर पक्ष रखेगा। इतना ही नहीं करीब दो बार की सुनावई में मुस्लिम पक्ष अपना पक्ष रख पाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वीडियो लीक मामले का मुद्दा उठ सकता है। तो वहीं दूसरी ओर हिंदू पक्ष सील बंद सर्वे रिपोर्ट और वीडियो लेकर कोर्ट पहुंचेगा और अदालत के सामने पेश करेगा।

मस्जिद की देखभाल करने वाली कमेटी कोर्ट में ले गई ये मामले
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार से सुनवाई शुरू होगी।  इस अदालत में सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर ऑर्डर 7 रूल 11 के  तहत वाद सुनवाई योग्य है या नहीं पर बहस होगी। ज्ञानवापी मस्जिद की देखभाल करने वाली अंजुमन इंतेजामिया कमिटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट तक इन मामले को ले जाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे मामले की पोषणीयता पर सुनवाई सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत से जिला जज अजय विश्वेश की अदालत में मामला ट्रांसफर कर दिया गया था। जिला जज को 84 कार्य दिवस के भीतर इस मामले की सुनवाई कर फैसला सुनाना है। मई महीने में श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में सिविल जज ने ज्ञानवापी के पूरे परिसर की कमीशनिंग करवाई थी जिसके बाद वजुखाने में कथित शिवलिंग मिलने का मामला सामने आया था। 

साल 1991 में पूजा पाठ को लेकर मुकदमा हुआ था दाखिल
हिंदू पक्ष के वकील अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि, आज मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें जारी रखेगा। उनके अनुसार, मामला चलने योग्य नहीं है, लेकिन हमने कहा है कि यह बनाए रखने योग्य है। वहां पूजा करने की हमारी मांग कानूनी रूप से मान्य है। वाराणसी की सिविल कोर्ट में हिंदू पक्षकारों की ओर से 1991 में ज्ञानवापी में नए मंदिर निर्माण और पूजा पाठ के अधिकार को लेकर मुकदमा दाखिल किया गया था। इसके बाद मुकदमें को लेकर 1997 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट से स्टे होने के बाद कई वर्षों तक वाद लम्बित रहा। सोमवार से शुरू हो रही सुनवाई के लिए सभी पक्षकार एक बार फिर से जिरह के लिए तैयार हैं। वहीं जिस आदिविश्वेशर या श्रृंगार गौरी के पूजन की बात कही जा रही है, उसके मालिकाना हक की बात कही से भी सत्यापित नही है और न ही कोई साक्ष्य मौजूद है। इसी आधार पर पूरे मामले की पोषणीयता पर हमारी ओर से सवाल उठाया गया है। 

योगी 2.0 का 100 दिन का कार्यकाल हुआ पूरा, जानिए किन लक्ष्यों को किया पूरा तो कौन से रह गए अधूरे

सीएम योगी ने सिंगल यूज प्लास्टिक से यूपी को मुक्त कराने के अपील, कहा- 'संपूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय'

Share this article
click me!