हेमवती नंदन बहुगुणा जयंती: सीएम योगी ने किया नमन, जानिए चर्चा में क्यों है बीजेपी सांसद की उन पर लिखी किताब

पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान वहां सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद रहीं। इसी के साथ कई अन्य मंत्री, विधायक और महापौर भी वहां मौजूद रहीं। 

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम स्वर्गीय हेमवती नंदर बहुगुणा की जयंती पर उनको नमन किया। स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103वीं जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको दूरदर्शी नेता बताया। 

सांसद रीता बहुगुणा जोशी रहीं मौजूद

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने योजना भवन में स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान प्रयागराज की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया समेत अन्य लोग मौजूद रहें। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित की। 

गढ़वाल से शुरू हुई प्रारंभिक शिक्षा

आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म पौढ़ी गढ़वाल के गांव बुधाणी में 25 अप्रैल 1919 को हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गढ़वाल और उसके आगे की पढ़ाई डीएवी कॉलेज देहरादून से की। इसी के साथ जब उन्होंने बीए की परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण तो उसके बाद प्रयागराज को ही अपना घर बना लिया। वह प्रयागराज के मंझनपुर, सिराथू औऱ बारा से विधायक बने। 

पढ़ाई के दौरान ही गए जेल

राजनीतिक जीवन की 1942 से शुरू हुआ और वह पढ़ाई के समय ही जेल भी गए। 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा पहली बार सांसद बने। इसके बाद 8 नवंबर 1973 को वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 1984 में संसदीय चुनाव में अमिताभ बच्चन से हारने के बाद वह काफी ज्यादा आहत हुए और उसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी। यहां तक राज्यसभा जाने का प्रस्ताव भी उनकी ओर से ठुकरा दिया गया।

4 मई को होना है पुस्तक का विमोचन 

प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के राजनीतिक सफर को लेकर एक किताब की रचना की है। इस किताब को उनके द्वारा 'हेमवती नंदन बहुगुणा: भारतीय जनचेतना के संवाहक' का नाम दिया गया है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार इस किताब का विमोचन 4 मई को होना है। बताया जा रहा है कि इस किताब में कांग्रेस नेता पूर्व पीएम इंदिरा गांधी समेत तमाम नेताओं का जिक्र है। इसको लेकर यह किताब लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। 

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