यूपी के कौशांबी में मुस्लिम परिवार की ओर से दफनाए गए एक शव को 2 सप्ताह बाद हिंदू परिवार की गुजारिश पर निकाला गया और फिर उसका डीएनए सैंपल्स लेकर परीक्षण के लिए भेज दिया गया। आपको बता दें कि मामले में मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे का शव दफनाया था लेकिन पड़ोसी जिले के रहने वाले एक हिंदू परिवार ने दफनाए गए शव को अपना बेटा बताते हुए जांच की मांग की।
कौशांबी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हिंदू मुस्लिम से जुड़े अनेकों विवाद अक्सर सामने आते हैं लेकिन यूपी के कौशांबी (kaushambi) से इसी विवाद से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां मुस्लिम परिवार (Muslim Family) की ओर से दफनाए गए एक शव को 2 सप्ताह बाद हिंदू परिवार की गुजारिश पर निकाला गया और फिर उसका डीएनए सैंपल्स (DNA Sample) लेकर परीक्षण के लिए भेज दिया गया। आपको बता दें कि मामले में मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे का शव दफनाया था लेकिन पड़ोसी जिले के रहने वाले एक हिंदू परिवार ने दफनाए गए शव को अपना बेटा बताते हुए जांच की मांग की। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर शव की जांच के लिए डीएनए सैंपल्स लिए गए।
मुस्लिम परिवार ने 21 जून को दफनाया था शव, हिंदू परिवार ने सूरज के होने का किया दावा
कौशांबी के पड़ोसी फतेहपुर जिले के रहने वाले एक हिंदू परिवार ने एक मुस्लिम परिवार की ओर से दफनाए गए मृतक के शव को अपने बेटे का होने का दावा किया है। जिलाधिकारी के आदेश पर रविवार को शव को कब्र से डीएनए परीक्षण के लिए बाहर निकाला गया। जानकारी के अनुसार, सैनी थाना क्षेत्र के दिल्ली हावड़ा रेल लाइन स्थित बनपुकरा गांव के सामने 21 जून को एक 20 वर्षीय युवक का शव मिला था, जिसे सैनी थाना क्षेत्र के बिजलीपुर गांव निवासी शब्बीर ने अपने बेटे रमजान के रूप में शिनाख्त कर उसे अपने गांव के ही कब्र में दफना दिया था। पड़ोसी जिले फतेहपुर के धाता थाना क्षेत्र के धाता निवासी संतराज ने 28 जून को जिलाधिकारी कौशांबी को प्रार्थना पत्र देकर कब्र में दफनाए गए शव को अपने बेटे सूरज का होने का दावा किया और उन्होंने मामले की जांच करने का निवेदन किया।
शव के साथ रमजान और सूरज के पिता के भी लिए गए सैंपल्स
जिलाधिकारी कौशांबी सुजीत कुमार ने इस मामले में उप जिलाधिकारी सिराथू तथा क्षेत्राधिकारी सिराथू को शव को कब्र से बाहर निकलवाकर तीन चिकित्सकों के पैनल द्वारा जांच करवाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद उप जिलाधिकारी सिराथू तथा क्षेत्राधिकारी सिराथू की मौजूदगी में कब्र में दफनाए गए शव को बाहर निकलवाया गया। वहां पर मौजूद चिकित्सकों के पैनल ने शव के डीएनए जांच के लिए नमूने एकत्र किए। इसके साथ ही शब्बीर तथा संतराज के भी खून के सैंपल लिए गए हैं। मामले में अफसरों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, डीएनए जांच के बाद ही यह निर्णय हो पाएगा कि शव रमजान का है या सूरज का। थानाध्यक्ष सैनी तेज बहादुर सिंह ने बताया कि शव से नमूने एकत्र करने के बाद उसे वापस दफना दिया गया है।