उन्नाव में अधिकारी सीएम योगी का निर्देश नहीं मान रहे हैं। तमाम जगहों पर अनदेखी की बात सामने आ रही है। इसके चलते लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
जितेंद्र मिश्रा
उन्नाव: सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिए थे कि जनता की सुनवाई के लिए जिले के सर्वोच्च अधिकारी सुबह 9 बजे से 11 बजे तक जनता की समस्याओं के लिए बैठेंगे ओर कैम्प कार्यालय की व्यवस्था समाप्त कर दी थी। लेकिन सीएम के निर्देश उन्नाव में ठेंगे पर है। यहां मानकों को दर किनार कर अफसरों के बंगले ओर चमकाए जा रहे है। उन्नाव में शस्त्र धारकों से सुविधाओं में विस्तार और युवा प्रतिभाओं में निखार के लिए जमा कराए जाने वाले शुल्क का जिला रायफल क्लब मनमाने तरीके से खर्च करने में जुटा है। रायफल क्लब के खाते में जमा रकम से डीएम के सरकारी बंगले में आलीशान हाल बनवाने में खर्च किया जा रहा है। इसके लिए दस लाख से अधिक की पहली क़िस्त भी जारी की जा चुकी है।
युवा और खिलाड़ियों को शूटिंग प्रशिक्षण ओर लाइसेंस धारकों को शस्त्र प्रशिक्षण के लिए हर जिले में जिला प्रशासन शूटिंग रेंज की व्यवस्था करता है, इसके लिए नए शस्त्र लाइसेंस जारी करने और शस्त्रों के नवीनीकरण में लिए जाने वाले शुल्क को जिला रायफल क्लब के खाते में जमा कराया जाता है। लेकिन जिले का हाल यह है कि शहर के बाहर उन्नाव-हरदोई बाइपास मार्ग पर स्थित करीब पांच हेक्टेयर की शूटिंग रेंज खंडहर में तब्दील हो चुकी है। इसके सुधार और युवाओं के लिए शूटिंग प्रशिक्षण की सुविधा दिलाने के बजाए प्रशासन, रायफल क्लब के खाते में जमा धनराशि से सरकारी आवासों में अफसरों की सुविधा के लिए निर्माण कार्य करा रहा है। उन्नाव रायफल क्लब की सचिव सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने डीएम आवास परिसर में बनाए जा रहे एक हॉल के निर्माण के लिए करीब बीस लाख रुपये बजट डीएम अपूर्वा दुबे के इशारों पर मंजूर कर दिया। पहली किस्त के रूप में 10 लाख 56 हजार रुपये जारी कर दिए हैं। किस्त जारी करते हुए लोक निर्माण विभाग खंड-1 के एक्सईएन को पत्र भी भेजा है। जिसमें कहा है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में रायफल क्लब धारियों की सुविधा के लिए हॉल निर्माण के लिए 10.56 लाख रुपये की प्रथम किस्त के रूप में साठ फीसदी धनराशि का भुगतान क्लब के खाते से करने की स्वीकृति दी गई है। दूसरी किस्त की मांग से पहले, प्रथम किस्त की धनराशि का उपभोग प्रमाणपत्र देना सुनिश्चित करें।
सालों से उपेक्षा का शिकार है शूटिंग रेंज
उन्नाव डीएम के इस शौक से ये सवाल उठ रहा है कि जिलों में खेल सुविधाओं के विकास की जगह अपने आवास में आलीशान हॉल बनवाते रहेंगे। दिल्ली में ऐसे ही एक शौकीन आईएएस अपने कुत्ते के लिए स्टेडियम बंद करवा देते थे, मामला सामने आने पर उन्हें लद्दाख का रास्ता केंद्र सरकार ने दिखाया था। जनपद उन्नाव में सालों से उपेक्षा का शिकार शूटिंग रेंज अपने दिन बहुरने का इंतजार ही करता रहा।
फतेहपुर में तैनाती के दौरान चर्चा में आई थी अपूर्वा
डीएम अपूर्वा दुबे जब फतेहपुर में तैनात थी तब बीमार गाय की देख रेख के लिए डाक्टरों की डयूटी लगाने का पत्र वायरल होने के बाद बेहद चर्चा का विषय बना था, उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें फतेहपुर से हटा दिया गया लेकिन उन्नाव में डीएम पद की जिम्मेदारी दे दी गई, बीते दिनों जनपद में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में कायाकल्प और निर्माण के मामले में भी घालमेल का मामला सामने आया था, जिसमे वित्तीय नियमों को तोड़ने के संबंध में कोई भी संतोषजनक जवाब अब तक नहीं दिया जा सका है ।
6 माह पहले कूड़ा उठाने लगा तो जगी थी उम्मीद
उन्नाव के चांदमारी में पालिका ने कई ट्रक कूड़ा जमा कर रखा था जंहा पहले कभी ट्रेनिंग के दौरान फायरिंग होती थी, तत्कालीन एसपी दिनेश त्रिपाठी ने ग्राउंड में 27 सौ से अधिक पेड़ लगवाने का लक्ष्य रखा था साफ सफाई शुरू हुई थी तो लगा था यंहा एक बाद फिर से शस्त्र धारकों के लिए प्रशिक्षण का बेहतरीन केंद्र बनेगा। लेकिन कुछ बाद फिर से हालात जस के तस हो गए। अब राइफल क्लब के पैसे का डीएम उन्नाव की सुविधा के लिए किए जा रहे दुरुपयोग के बाद जनपद में खिलाड़ियों की बची खुची उम्मीदें भी ध्वस्त हो गई हैं।