ट्रेन में दुधमुंहे बेटे की मौत, शव को गोद में लेकर रास्ते भर सहलाती रही मां

मां बच्चे को गोद में लेकर उसकी पीठ सहला रही थी तभी, उसकी आंखें पलट गईं। कानपुर सेंट्रल पर ट्रेन पहुंची तो वाणिज्य विभाग को इसकी खबर दी गई। जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि परिजनों ने अभी तक सूचना नहीं दी है।

Asianet News Hindi | Published : May 25, 2020 10:04 AM IST / Updated: May 25 2020, 03:57 PM IST

कानपुर (Uttar Pradesh) । लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के घर आने का सिलसिला जारी है। इसके लिए सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलवा रही है। लेकिन, एक दिन पहले ट्रेन में अपने बेटे की मौत होने के बाद लापरवाही का आरोप माता-पिता लगा रहे हैं। दरअसल मुंबई से बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अचानक हालत बिगड़ने से आठ माह के मासूम की मौत हो गई। उसके शव को गोद में लिए मां सहलाती रही।


यह है पूरा मामला
सीतामढ़ी बिहार निवासी दर्वेश पंडित मुंबई के जयअंबे नगर में रहकर फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद होने से घर वापस जाने के लिए पत्नी रूबी और बच्चे आदर्श (8 माह) के साथ बसई रोड से दानापुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार हुए थे। रास्ते में अचानक बेटे की तबीयत खराब हो गई। इसकी जानकारी जीआरपी को दी। आगरा में उल्टी और दस्त की दवा दिलवाकर उसे ट्रेन भेज दिया गया।

इस तरह हो गई मासूम की मौत

मां बच्चे को गोद में लेकर उसकी पीठ सहला रही थी तभी, उसकी आंखें पलट गईं। कानपुर सेंट्रल पर ट्रेन पहुंची तो वाणिज्य विभाग को इसकी खबर दी गई। जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि परिजनों ने अभी तक सूचना नहीं दी है।

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