7 लाख पैकेज की नौकरी छोड़ लड़का बना UPPCS का टॉपर, पिता ने कही ये बात

प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके के रहने वाले अमित शुक्ला ने पीसीएस 2017 में टॉप किया है। अमित के पिता उमाशंकर शुक्ला प्रयागराज के एक निजी पैथोलॉजी में नौकरी करते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2019 8:46 AM IST / Updated: Oct 11 2019, 03:20 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh). UPPCS 2017 का फाइनल रिजल्ट आ गया है। इसमें कुल 676 अभ्यर्थियों को सिलेक्ट किया गया। प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके के रहने वाले अमित शुक्ला ने टॉप किया है। अमित के पिता उमाशंकर शुक्ला प्रयागराज के एक निजी पैथोलॉजी में नौकरी करते हैं। उन्होंने hindi.asianetnews.com से बात की। इस दौरान पिता ने बेटे के संघर्षों की कहानी बयां की। 

यूपी के प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में प्रयागराज की सीमा से लगा हुआ एक गांव है किलहनापुर। इसी गांव के रहने वाले हैं UPPCS 2017 के टॉपर अमित शुक्ला। अमित के पिता उमाशंकर शुक्ला प्रयागराज के एक निजी पैथोलॉजी में नौकरी करते हैं, जबकि मां क्षमा शुक्ला स्वास्थ्य विभाग में एएनएम हैं। अमित की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज से हुई। बचपन से ही पढ़ने में होशियार अमित का शुरू से आईएएस बनने का सपना था। 

बेटे की पढ़ाई के लिए दबा दिए अपने शौक 
उमाशंकर शुक्ला ने बताया, उनके दो बच्चे हैं। छोटा बेटा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर रहा है। बड़ा बेटा अमित शुरू से ही पढ़ने में बहुत होशियार था। छोटी क्लास से लगातार वह स्कूल में होने वाले प्रोग्राम में प्राइज जीतता आया है। उसकी पढ़ाई और बेहतर तैयारी के लिए हम पति पत्नी ने कभी अपनी आवश्यकताओं की परवाह नहीं की। बस एक सपना था कि बच्चों को एक मुकाम तक पहुंचाना है। बेटे ने भी जमकर मेहनत की और आज हमारी तपस्या सफल कर दी।

सात लाख पैकेज की नौकरी छोड़कर की तैयारी
उमाशंकर कहते है, अमित पीसीएस का टॉपर यूं ही नहीं बन गया। इसकी तैयारी के लिए उसने सात लाख वार्षिक के पैकेज वाली नौकरी भी छोड़ दी। हाई स्कूल और इंटर इलाहाबाद गंगा गुरुकुलम स्कूल से करने के बाद मौलाना आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज से मकैनिकल में बीटेक किया। साल 2014 में हीरो मोटोक्वार्प में 7.20 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर छह महीने गुड़गांव में नौकरी की। लेकिन पीसीएस की तैयारी के लिए वो नौकरी भी छोड़ दी। 

गांव से रहता है बहुत लगाव 
अमित के पिता ने बताते हैं, मेरा और मेरे बच्चों का गांव से काफी लगाव रहता है। पत्नी अभी भी कुंडा के भदरी सीएचसी में जॉब करती हैं। हम सभी हर त्यौहार पर गांव जाते रहते हैं। बेटे के पीसीएस में सिलेक्ट होने पर गांव के लोगों का बधाई के लिए खूब फोन आया। सभी खुश हैं।

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