यूपी एटीएस ने 14 अगस्त रविवार को जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आतंकी हबीबुल इस्लाम को कानपुर से गिरफ्तार किया है। एटीएस की पूछताछ में उसने कई खुलासे किए। उसने स्वीकार किया है कि वह नदीम को जानता था। हबीबुल नदीम सहित कई पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी आतंकियों को लगभग 50 वर्चूअल आईडी बना कर दे चुका है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर से यूपी एटीएस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत समेत उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश को यूपी पुलिस के साथ एटीएस भी नाकाम करने में जुटी हुई है। एटीएस ने 14 अगस्त रविवार को कानपुर से जैश-ए-मोहम्मद संगठन का आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। सैफुल्ला मूलरूप से बिहार के मोतिहारी का रहने वाला है। वर्तमान में वह यूपी के फतेहपुर जिले में रहता था। उसको लेकर यूपी एटीएस कानपुर लेकर पहुंची है।
हबीब उल इस्लाम ने पूछताछ में स्वीकारी ये बात
आतंकी हबीब उल इस्लाम ने पूछताछ में स्वीकारा है कि वह बीते दिनों सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए आंतकी मोहम्मद नदीम से जुड़ा हुआ था। नदीम को जानता है और दोनों एक ही आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं। उसने सोशल मीडिया पर फेक आईडी बना रखी थी। इतना ही नहीं यूपी एटीएस सूत्रों के मुताबिक हबीब वर्चुअल आईडी बनाने में एक्सपर्ट है। हबीब नदीम सहित कई पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी आतंकियों को लगभग 50 वर्चूअल आईडी बना कर दे चुका है।
आईडी बनाने की ट्रेनिंग सोशल मीडिया के जरिए था देता
यूपी एटीएस के अनुसार दोनों गिरफ्तार आंतकी सोशल मीडिया के सहारे देश में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। हबीबुल सोशल मीडिया के माध्यमों जैसे टेलीग्राम, वाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर्स से जुड़ा हुआ था। इतना ही नहीं वह आईडी बनाने की ट्रेनिंग भी सोशल मीडिया के माध्यम से ही ले रहा था। वह सोशल मीडिया पर बने ग्रुप में जेहादी वीडियो बनाकर भेजता था। इतना ही नहीं वह अन्य लोगों को भी प्रेरित करता था। एटीएस को आतंकी के पास से मोबाइल फोन व चाकू बरामद हुआ है। यूपी एटीएस ने कुछ दिन में दूसरी आंतकी को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी मान रही है।