FIR दर्ज कराने वाले ने बदला बयान, कोर्ट में कहा- भविष्य में कोई भी केस धनंजय सिंह के खिलाफ नहीं लड़ना चाहता

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने कहा है कि शिकायत पर धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। शिकायत की जांच में सबूत मिलने पर ये गिरफ्तारी हुई है। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया था।

जौनपुर (Uttar Pradesh)। जौनपुर जिला जेल में बंद पूर्वांचल के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ी राहत मिली है। पूर्व सांसद पर अपहरण और धमकी देने का केस दर्ज कराने वाले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (जल निगम) के मैनेजर अभिनव सिंघल अपने बयान से पलट दिया है। खबर है कि सिंघल में कोर्ट में शपथ पत्र देते हुए कहा कि मानसिक तनाव के चलते उसने धनंजय सिंह पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। भविष्य में कोई भी मुकदमा पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ लड़ना नहीं चाहते। बता दें कि आपराधिक छवि वाले धनंजय सिंह पर जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण करने और उन्‍हें धमकी देने का आरोप है। 

सबूत मिलने पर हुई थी गिरफ्तारी
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने कहा है कि शिकायत पर धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। शिकायत की जांच में सबूत मिलने पर ये गिरफ्तारी हुई है। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया था।

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कौन है धनंजय सिंह
धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में साल 2002 में रारी (अब मल्हनी) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था। वह दोबारा इसी सीट पर जेडीयू के टिकट से जीते थे। इसके बाद बसपा में शामिल हुए। वर्ष 2009 में वह बसपा के टिकट पर जीत दर्ज कर जौनपुर से सांसद हुए। लेकिन, बसपा ने उन्हें निकाल दिया, लेकिन धनंजय सिंह का वचर्स्व आज भी कायम है। हालांकि वे इस समय किसी पद पर नहीं हैं।

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