जयंत चौधरी ने ईमेल आईडी जारी कर आमजन से मांगे सुझाव, विधायकों की कार्यशैली और व्यवस्थाओं पर होगा मंथन

समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ईमेल जारी कर आमजन से सुझाव मांगे है। ताकि विधायकों की कार्यशैली और व्यवस्था पर मंथन कर कमियों को दूर किया जा सके। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2022 6:08 AM IST / Updated: Mar 24 2022, 11:40 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत के बाद विपक्षी दल अपने पार्टी की खामियों को दूर करने की कोशिश में लगे हुए है। वहीं समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल अब 26 मार्च को विधायक दल का नेता चुनेगी। लेकिन उससे पहले राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने विधायकों की कार्यशैली और व्यवस्थाओं को लेकर आमजन से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए उन्होंने एक ईमेल आईडी भी जारी किया है। अगर किसी को भी सुझाव देना है तो वो इस ईमेल आईडी teamrld@rashtriyalokdal.com पर अपने सुझाव दे सकता है। 

एमएलसी चुनावों के कारण बढ़ाई गई बैठक की तारीख
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल अब 26 मार्च को विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगी। इसके लिए राज्य की राजधानी लखनऊ में नवनिर्वाचित विधायकों को इस बैठक के लिए लखनऊ बुलाया गया है। बता दें कि पहले यह बैठक 21 मार्च को होनी थी लेकिन यूपी विधान परिषद चुनाव के नामांकन के कारण इसे बढ़ा दिया गया था। तो वहीं समाजवादी पार्टी ने भी अपने विधायक दल की बैठक 26 मार्च को ही रखी है।  

जयंत चौधरी करेंगे बैठक की अध्यक्षता
राष्ट्रीय लोकदल के सचिव अनिल दुबे ने बताया कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 26 मार्च को दोपहर 12 बजे से लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में होगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी इस बैठक की अध्यक्षता खुद करेंगे। बैठक में पार्टी के विधायक दल के नेता के नाम पर भी मंथन किया जाएगा। साथ ही पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आगे की रणनीति पर सोच विचारकर तय किया जाएगा।

यूपी विधानसभा चुनाव में रालोद को मिली संजीवनी
सपा के साथ गठबंधन कर यूपी विधानसभा चुनाव में रालोद को संजीवनी मिल गई है। गठबंधन में रालोद को 33 सीटें मिली थीं, इनमें से आठ पर पार्टी ने सफलता प्राप्त की है। इस बार रालोद को करीब तीन प्रतिशत वोट मिला है। साल 2017 में राष्ट्रीय लोकदल को 1.78 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा था। 
उसके बाद से रालोद पिछले कई सालों से प्रदेश में अपनी खोई हुई सियासी जमीन को तलाशने में लगी हुई है। 

साल 2017 में समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने वाली रालोद को केवल एक सीट ही मिली थी। उसके बाद पार्टी को झटका तब लगा जब जीता हुआ विधायक भारतीय जनता पार्टी में चला गया था। उसके बाद पार्टी की सीटें शून्य हो गई थी। उसे मात्र 1.78 प्रतिशत वोट ही मिले थे। चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद पार्टी की कमान छोटे चौधरी कहे जाने वाले जयंत चौधरी के पास है। पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने के लिए जयंत ने इस बार अखिलेश यादव का फिर हाथ पकड़ा। 

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