
लखनऊ: राज्यसभा चुनाव के लिए सपा रालोद गठबंधन के तौर पर संयुक्त प्रत्याशी जयंत चौधरी ने नामांकन किया। उन्होंने कहा कि जनता को असल मुद्दों से भटकाया जा रहा है। खुदाई के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वास्तव में खुदाई देश की हो रही है मंदिर या फिर मस्जिद की नहीं।
'हमें ज्ञान की बात करनी चाहिए ज्ञानवापी की नहीं'
उन्होंने कहा कि हमें तय करना होगा कि हम साथ में मिलकर रह सकते हैं या फिर नहीं। मौजूदा वक्त में हमें ज्ञान की बात करनी चाहिए न की ज्ञानवापी की। अगर ऐसे तो विधानसभा के नीचे भी खोदा जाएगा तो कुछ ना कुछ तो निकलेगा ही। यह जमाना विज्ञान का है। लेकिन इस समय किसानों के मुद्दे पीछे रह गए हैं। भाजपा ने जो वादे किए थे वह पूरे नहीं किए जा रहे। भाजपा चुनाव में ही व्यस्त रहती है। यह लोग सरकार कब चलाते हैं इसका पता ही नहीं रहता।
'सरकार ने पूरे नहीं किए वादे'
जयंत चौधरी ने कहा कि यूपी में 2.8 फीसदी बजट खेती के लिए आवंटित था। 14 दिनों के भीतर गन्ना भुगतान का वादा भी पूरा नहीं हुआ। कहा गया था कि पांच साल तक बिजली का बिल नहीं आएगा। आखिर इन वादों का क्या हुआ ये सवाल राज्यसभा में पूछे जाएंगे। उन्होंने जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें विश्वास पर खरा उतरना है। 2024 में भाजपा लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 75 नहीं बल्कि देश में 75 सीटें जीतेगी।
अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ताओं को कहा धन्यवाद
ज्ञात हो कि जयंत ने सोमवार को रालोद और सपा के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर अपना राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। जयंत चौधरी ने कहा कि सपा के साथ उनका गठबंधन कायम है और हमेशा कायम रहेगा। जिस तरह से मिलकर चुनाव लड़ा उसी तरह से आगे भी लड़ेंगे। इस बीच अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया गया।
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