झांसी के पॉलिटेक्निक गैंगरेप केस में दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार संतुष्ट दिखाई पड़ रहा है। पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी आज भी सहमी सी रहती है।
झांसी: पॉलिटेक्निक गैंगरेप केस में सभी 8 दोषियों को अंतिम सांस तक जेल की सजा दी गई है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़िता भी संतुष्ट है। पीड़िता के पिता बताते हैं कि जघन्य घटना के बाद बेटी आज भी गुमशुम ही रहती है। हालांकि जब उसे कोर्ट के इस फैसले के बारे में बताया गया तो वह खुश हो गई। लेकिन उसके मन में बसे डर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने पिता से सवाल किया कि अब वे (दोषी) हमें कुछ कर तो नहीं देगें। यह सुनकर पिता ने एक बार फिर से बेटी का साहस बढ़ाया और कहा हमें उन लोगों से खतरा तो हैं इसीलिए हमने पहले से ही पुलिस सुरक्षा ले ली थी।
पीड़िता ने घर से निकलना किया बंद, परिजनों ने मनोचिकित्सक से भी ली सलाह
पीड़िता के पिता बताते हैं कि उनहोंने बेटी के लिए कफन बांधकर इस लड़ाई को लड़ा। कोर्ट का यह फैसला बेटी ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए न्याय है। पीड़िता के पिता ने कहा कि जब से यह घटना हुई है उसके बाद से बेटी गुमसुम है। मैं और उसकी मां आवाज लगाती रहती हैं लेकिन न जाने वो कौन सी सोच में डूबी रहती है। काफी देत के बाद वह अचानक ही चौंकते हुए जवाब देती है। यदि कोई अपरिचित व्यक्ति भी मुलाकात के लिए घर आ जाता है तो वह सहम जाती है। लिहाजा मैनें घर पर सबसे मिलना भी बंद कर दिया है। हालात ये हैं कि बेटी को मनोचिकित्सक तक को दिखाया गया है। 11 अक्टूबर 2020 को हुई घटना के बाद से बेटी ने घर से निकलना तक छोड़ दिया है। वह कॉलेज भी नहीं जाती है। उसने ऑनलाइन पढ़ाई की और सिर्फ एक्जाम के लिए ही कोई सदस्य उसे कॉलेज ले जाता है।
इन 5 सबूतों से सिद्ध हुआ दोष