झांसी: महिला फार्मासिस्ट की आत्महत्या मामले में पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

यूपी के झांसी में महिला फार्मासिस्ट की आत्महत्या मामले में पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन वह तब से फरार चल रहा था। तो वहीं दूसरी ओर सीएमओ का कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन आरोपी को दूसरे स्वास्थ्य केंद्र का चार्ज दे दिया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2022 4:15 AM IST

झांसी: उत्तर प्रदेश के जिले झांसी में बीते दिनों एक महिला फार्मासिस्ट की खुदकुशी का मामला सामने आया था। इसी मामले में पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल झांसी के गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला फार्मासिस्ट के फांसी लगाकर आत्महत्या मामले में पुलिस ने सीएचसी के तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ रविंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई सुसाइट नोट और मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर कार्रवाई की है। सीएचसी डॉ. रविंद्र पर फार्मासिस्ट से रेप के बाद सुसाइड के लिए पीड़िता को मजबूर करने का आरोप लगा है।

सुसाइड नोट में महिला ने लिखा यह बात
जानकारी के अनुसार महिला फार्मासिस्ट द्रोपदी वर्मा ने 22 मार्च 2022 की रात को अस्पताल परिसर में स्थित अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी रिपोर्ट थाना गुरसराय में उसके पिता विजय शंकर निवासी ग्राम बाबई थाना चुर्खी जिला जालौन ने 24 मार्च 2022 को दर्ज कराई थी। पीड़िता द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद से ही आरोपी डॉक्टर चार महीने से फरार चल रहा था। खुदकुशी करने से पहले फार्मासिस्ट द्रौपदी वर्मा ने जो सुसाइड नोट लिखा, उसी से पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई। सुसाइड नोट में महिला ने लिखा कि बहुत सोचा मगर किसी ने हौसला नहीं बढ़ाया, सीता को भी राम के सामने अग्निपरीक्षा देनी पड़ी, जबकि सीता रावण के यहां सुरक्षित थी। लेकिन यहां तो राम ही रावण हैं। इतना लिखकर युवती ने अपनी फंदे पर लटककर जान दे दी।

कार्रवाई ने कर दिया दूसरे केंद्र का चार्ज
मृतका जालौन के बाबई थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। इससे पहले प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पद पर रहते हुए डॉक्टर रविंद्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 118. 21, धारा 376.354. 504 आईपीसी में थाना गुरसराय में दर्ज हुआ था। लेकिन इसके चलते डॉक्टर रविंद्र सिंह ने अपने प्रभाव के बल पर अपना स्थानांतरण झांसी करा लिया था। जबकि इस घटना के बाद से उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सीएमओ को करनी चाहिए थी। पर कार्रवाई न कर आरोपी डॉक्टर को चिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चार्ज दे दिया गया। 

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