कानपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक छात्र ने खुदकुशी कर ली। छात्र कई सालों से डिप्रेशन में चल रहा था। खुदकुशी करने से पहले उसने पिता को फोन भी किया। हालांकि जब तक कोई कुछ समझ पाता उससे पहले उसने खुद को गोली मार ली।
कानपुर: गुजैनी के अंबेडकरनगर में प्रतियोगी छात्र अजीत यादव की आत्महत्या मामले में पुलिस ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उसने बुधवार की सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा था ...अलविदा..बाय-बाय..। उसके बाद उसने पिता शिव प्रताप यादव को फोन भी किया। अजीत ने पिता को बताया कि वह खुद को गोली मारने जा रहा है। जब तक पिता कुछ भी समझ पाते उससे पहले ही उसने फोन काट दिया और खुद की कनपटी पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन भी कमरे में पहुंचे। उसके हाथ में पिस्टल थी और वह खून से लथपथ पड़ा हुआ था।
स्टेटस लगाने के बाद पिता को किया फोन
अजीत का फोन कटते ही पिता ने घर के अन्य सदस्यों को फोन जानकारी लेनी चाही तो वह दंग रह गए। मामले को लेकर नौबस्ता एसीपी अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि जिस तरह से अजीत ने स्टेटस लगाया और फोन कर पिता को जानकारी दी उससे आशंका है कि अजीत ने पहले से ही खुदकुशी की योजना बनाई थी।
परिजन नहीं करवाना चाह रहे थे पोस्टमार्टम
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह अजीत ने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या की। परिजन पोस्टमार्टम भी नहीं करवाना चाहते थे और इसी के चलते उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। इस बीच सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया गया। तकरीबन तीन घंटे बाद मामला शांत हुआ और शव को मोर्चरी भिजवाया गया। डिप्रेशन की वजह से खुदकुशी की बात सामने आ रही है। आपको बता दें कि अजीत यादव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसके पिता शिव प्रताप यादव पुलिस में ड्राइवर हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती पनकी थाने की पीआरवी में है। मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट कहा था कि पोस्टमार्टम के बिना अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। काफी समझाने के बाद परिजन राजी हुए और सड़क से शव हटवाकर जाम को खुलवाया गया। परिजनों का कहना है कि अजीत बीते तकरीबन 4 साल से डिप्रेशन में चल रहा था। उसका इलाज भी लखनऊ में हुआ लेकिन उसने आखिरकार यह बड़ा कदम उठा लिया।