Kanpur Accident: पानी में खो गई थीं लाशें, कोई मुंह से दे रहा था सांस तो कोई दबा रहा था छाती, 3 परिवार उजड़े

कानपुर में हुए हादसे में 26 लोगों की जान चली गई। इस बीच घाटमपुर में जो भयानक मंजर सामने आया उसे देखकर सभी सहम गए। बाहर निकाले गए लोगों को कोई मुंह से सांस दे रहा था तो कोई उनकी छाती दबाकर पानी निकालने का प्रयास कर रहा था। 

कानपुर: घाटमपुर हादसे के बाद जब पानी से भरी हुई खंती से ट्रॉली हटाई गई तो नीचे लाशें ही लाशें पड़ी हुई थीं। इस बीच परिजन रो रहे थे। खंती में फंसे हुए लोग बचाने की गुहार लगा रहे थे। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग जब पानी में घुसे तो उनके पैर शव से टकराए। यह सब देखकर वह भी सहम गए। कांपते हुए हाथों से ग्रामीण एक-एक कर शव को खंती से बाहर लाए। इस बीच किसी के हाथों में बच्चे का शव था तो किसी के हाथों में मां का। आसपास के माहौल में चारों ओर चीखने और रोने की आवाजें ही सुनाई दे रही थीं। 

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नहीं थम रहे थे शव निकाल रहे लोगों के आंसू 
आपको बता दें कि शनिवार को साढ़-भीतरगांव मार्ग पर ट्रॉली के खंती में पलटने के बाद 26 लोगों की मौत हो गई। मुंडन के बाद खुशी-खुशी वापस आ रहे लोगों को यह पता ही नहीं थी कि आगे मौत उनका इंतजार कर रही है। जैसे ही ट्रॉली पानी से लबालब भरी खंती में गई तो चीख पुकार मच गई। मरने वालों में बच्चों की संख्या अधिक बताई जा रही है। इस बीच कई छोटे-छोटे बच्चे पानी में ही खो गए। काफी देर के बाद उनके शव पानी में मिले। इस बीच बच्चों की लाश निकाल रहे लोगों के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। एक के बाद एक जिंदगियों के बचाने के लिए स्थानीय लोग वहां पर जूझते नजर आए। कोई बाहर निकाले लोगों को मुंह से सांस दे रहा था तो कोई छाती दबाकर पानी निकालने की कोशिश कर रहा था। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी थे जो ईश्वर से प्रार्थना में लगे थे कि कैसे भी इन लोगों की जान बच जाएगा।

हादसे के बाद उजड़ गए तीन परिवार 
इस भयानक हादसे में गांव के तीन परिवार पूरी तरह से ही उजड़ गए। कोरथा गांव निवासी कल्लू की पत्नी विनीता, दोनों बच्चे शिवम और सानवी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गई थी। जबकि लीलावती अपने बेटी मनीषा और बेटे छोटू के साथ थी और जयदेवी अपने ही बेटे रवि के मुंडन संस्कार में गई थीं। इन सभी लोगों की हादसे में मौत हो गई। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि पलभर में अचानक ऐसा क्या हो गया जिसके बाद मौत का यह मंजर सामने आया। रात में अंधेरा अधिक होने के चलते खंती में कुछ दिखाई ही नहीं पड़ रहा था। ग्रामीण टॉर्च लेकर पहुंचे और तमाम लोगों ने गाड़ियों की हेडलाइट को जलाए रखा। किसी तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई। बताया जा रहा है कि सिंगल रोड होने के चलते यह हादसा सामने आया था। आपको बता दें कि मौके पर पहुंचे अधिकारी भी 24 लोगों के शव देखकर सन्न रह गए। जबकि दो लोगों की मौत हैलट में हुई। 

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