यूपी के जिले कानपुर में एसबीआई बैंक में करोड़ों की हुई चोरी को लेकर पुलिस भी हैरान है क्योंकि इतना सटीक अंदाजे से चोरों ने पूरी वारदात को अंजाम दिया है। ऐसा लग रहा है कि वारदात को करने से पहले रेकी की जा रही थी।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर के भौती SBI बैंक में आठ फीट की सुरंग बनाकर चोरी की पड़ताल में पुलिस को 15 फिंगर प्रिंट मिले हैं। बैंक से एक करोड़ के सोने की चोरी जिस तरह की गई है, उससे हर कोई हैरान है। फ्रिंगर प्रिंट मिलान की शुरुआत बैंक कर्मचारियों से ही शुरू हुई है। फोरेंसिक टीम ने सेफ और सीसीटीवी से ये फिंगर प्रिंट उठाए हैं। इस बात से हर कोई दंग है कि चोरों को बैंक के अंदर की इतनी सटीक जानकारी आखिर कैसे थी क्योंकि बैंक स्ट्रांग रूम तक बैंक के चुनिंदा कर्मचारियों की ही पहुंच थी। सुरंग को बहुत ही सटीक अंदाजे से खोदी गई थी।
20 दिन में हुए फेरबदल के बारे में चोर सब कुछ थे जानते
बैंक में रखे सेफ के बारे में चोरों को पता था कि यहां दो सेफ हैं, एक में गोल्ड रखा हुआ है। इतना ही नहीं उनको इस बात की भी अंदाजा था कि किस सेफ में गोल्ड रखा हुआ है। इसी कारणवश उन्होंने कैश सेफ को टच तक नहीं किया। चोर ड्रिल मशीन से फर्श को तोड़कर अंदर घुसे फिर स्ट्रांग रूम के लॉकर को गैस कटर से काटकर 1.812 किलो गोल्ड लेकर फरार हो गए। चोरी की इस घटना को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि बैंक का अलार्म भी नहीं बजा। चलिए आपको बैंक में पिछले 20 दिन में हुए उन फेरबदल के बारे में बताते हैं, जिनकी जानकारी चोरों को पहले से ही थी। यह पांच बिदुं चोरों की सटीक रैकी बताते हैं।
1. 20 दिन पहले ही दीवार में चुनवाई थी गोल्ड सेफ
SBI बैंक में चोरी की वारदात को लेकर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि सिर्फ 20 दिन पहले ही बैंक प्रबंधन ने गोल्ड और कैश की सेफ को दीवार में चुनवाया था। इस दौरान लेबर समेत मिस्त्री को काम के लिए स्ट्रांग रूम के अंदर बुलवाया गया था। इसी कारणवश काम करने वाले लेबर या मिस्त्री ने तो नहीं वारदात को अंजाम दिया है। जिसकी वजह से काम करने वाले सभी लेबर मिस्त्रियों की भी डिटेल ली गई है। ताकि पता चल सके की वारदात वाली रात को उनकी लोकेशन समेत अन्य जांच की जा रही है।
2. चोरों ने स्ट्रांग रूम के बिल्कुल बीच में तोड़ी सुरंग
करोड़ों की हुई चोरी के बाद जांच कर रही पुलिस का नजदीकियों पर संदेह इसलिए और बढ़ गया है कि इतना सटीक आइडिया तो बैंक से जुड़े किसी व्यक्ति को ही हो सकता है। चोरों द्वारा बनाई गई सुरंग बिल्कुल स्ट्रांग रूम के अंदर बीच में फूटी है। बैंक के अंदर का इतना सटीक आइडियो चोरों को कैसे था। सुरंग एक फीट भी आगे पीछे नहीं हुई है। ऐसा लग रहा है कि जैसे बैंक का नक्शा रखने के बाद चोरों ने सुरंग बनाई हो। इन सभी पहलुओं को देखते हुए पुलिस को किसी नजदीकी के चोरी में शामिल होने की आशंका जता रही है।
3. 12 दिनों से बैंक में चल रहा था ऑडिट का काम
एसबीआई बैंक मैनेजर नीरज राय का कहना है कि बैंक में करीब 12 दिनों से ऑडिट चल रहा था। इसकी वजह से बैंक में रात 12 बजे तक ऑडिट टीम के साथ कुछ स्टाफ भी रुकता है। इस दौरान किसी को कभी किसी प्रकार की आवाज भी नहीं आई। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि तीन दिन पहले ही ऑडिट खत्म हुआ है। इससे यह बात तो साफ है कि चोरों को बैंक के अंदर क्या चल रहा है, इसकी भी जानकारी थी। तभी तो जब ऑडिट खत्म हो जाता तो वारदात को अंजाम दिया गया।
4. 15 दिन पहले लगे सीसीटीवी वारदात के समय थे सब बंद
SBI बैंक के प्रबंधक नीरज कुमार राय का कहना यह भी है कि बैंक में 15 दिन पहले ही सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। मगर चोरी वाली रात अचानक कैमरों ने भी काम करना बंद कर दिया। इसकी वजह से पुलिस का शक और गहरा हो गया है कि आखिर कैमरे ठीक चोरी से पहले कैसे बंद हो गए। फिलहाल पुलिस वारदात वाली रात एक-एक कर्मचारी की लोकेशन और कॉल डिटेल समेत अन्य जांच कर रही है।
5. पुलिस बाहर बैठी और बैंक से लुट गया करोड़ों का गोल्ड
बैंक में की गई चोरी से हर कोई हैरान तो है क्योंकि चोरों को पुलिस पिकेट मौजूदगी का भी अहसास था। बैंक के सामने ही पुलिस का पिकेट प्वाइंट भी है और वारदात वाली रात भी पुलिस की पीआरवी रात 11 बजे से एक बजे तक खड़ी रही है। इसके बाद भी शातिर चोरों को कोई डर नहीं और आराम से बैंक में सुरंग बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इस बात की भनक किसी को नहीं लगी।
एक फीट मोटी RCC की स्लैब को आराम से दिया काट
पुलिस की जांच में स्ट्रांग रूम से गोल्ड सेफ से नौ और छह सीसीटीवी कैमरों पर फिंगर प्रिंट मिले हैं। इसके बाद अब इन सभी फिंगर प्रिंट को संदेह के दायरे में आने वाले सीसीटीवी कैमरे मैकेनिक, गोल्ड सेफ दीवार में फिट करने वाले लेबर, मिस्त्री समेत बैंक कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट से मिलान किया जाएगा। जांच में यह भी सामने आया है कि स्ट्रांग रूम को मानक पर बनाया गया है क्योंकि उसकी फर्श पर लोहे का जाल बिछाकर करीब एक फीट मोटी आरसीसीसी की स्लैब ढाली गई है। उसके बाद भी शातिर चोरों ने आसानी से सुरंग बनाकरक छेद कर स्ट्रांग रूम में दाखिल हो गए।