कानपुर में जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत, ई-रिक्शा के पायदान पर अस्पताल लेकर पहुंचे लोग, जानें पूरा मामला 

यूपी के जिले कानपुर में जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत हो गई। रविवार को एक मजदूर सोख्ता टैंक की शटरिंग उतारने के लिए अंदर गया। काफी देर तक वापस नहीं लौटा तो दो मजदूर बचाने के लिए उतरे। अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर एक की मौके पर और बाकी दो की इलाज के दौरान मौत हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2022 8:57 AM IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत हो गई है। रविवार को एक मजदूर सोख्ता टैंक की शटरिंग उतारने के लिए अंदर गया लेकिन जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटा तो दो मजदूर बचाने के लिए उतरे। टैंक के अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर एक मजदूर की मौक पर ही मौत हो गई और बाकी दो मजदूरों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। तीनों मृतक मजदूरों के घरवालों ने मकान मालिक पर लापारवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराने का प्रयास कर रही है।

कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को निकाला बाहर
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के बर्रा के मालवीय विहार का है। यहां के निवासी कुशल गुप्ता का मकान निर्माणाधीन है। मकान में एक सोख्ता टैंक भी बनाया गया है। रविवार को काम करने के दौरान मजदूर टैंक की स्लैप मजबूत होने के बाद टैंक की सफाई और शटरिंग हटाने का काम कर रहे थे। अचानक से चक्कर आने की वजह से टैंक में उतरे शिवा तिवारी (25) गिर पड़े। उसकी चीख सुनकर मजदूर अंकित पाल (28) और अमित कुमार (34) भी उसे बचाने सीवर टैंक में उतरे तो वह दोनों भी बेहोश हो गए। वहां पर मौजूद अन्य मजदूर की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। कड़ी मशक्कत से बेहोश पड़े तीनों को टैंक से बाहर निकालकर ई-रिक्शा के पायदान में अस्पताल भेजा गया। काफी प्रयास के बाद भी कोई एंबुलेंस नहीं मिली और आसपास के लोगों ने मदद नहीं की। इस बात को भी लेकर मृतक और गंभीर मजदूरों के परिजनों ने आक्रोश जताया।

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नए और खाली टैंक में जहरीली गैस बनने से हुआ हादसा 
मजदूरों के अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने शिवा तिवारी को मृत घोषित कर दिया जबकि अंकित और अमित कुमार की हालत गंभीर बनी रही। दोनों को जल्द ही आईसीयू में भर्ती कराकर इलाज शुरू किया गया लेकिन कुछ ही देर में जिंदगी की जंग हार गए और मजदूरों ने दम तोड़ दिया। इस मामले में डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार का कहना है कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि मृतक के परिजन की तहरीर के आधार पर मामले की एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर बर्रा थाना प्रभारी का कहना है कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सोख्ता टैंक साफ करने के लिए कर्मचारी बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में उतरे थे। नए टैंक से किसी को अंदाजा नहीं था कि खाली टैंक में भी गैस बन सकती है। इसी वजह से जहरीली गैस के चपेट में आने से हादसा हुआ है। 

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