
कानपुर: बेकनगंज में 3 जून को हुई हिंसा मामले में फंडिंग के आरोपी मुख्तार बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भले ही वह सलाखों के पीछे पहुंच गए हो लेकिन फिर भी उसकी मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। कमिश्नरेट पुलिस ने बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज की हैं। इसके बाद अब तक आरोपी के खिलाफ कुल तीन एफआईआर हो चुकी हैं। पुलिस ने राम जानकी मंदिर पर कब्जा कर वहां बाबा बिरयानी होटल बनाने के मामले में यह मुकदमा दर्ज किया है।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं मुख्तार बाबा
मुख्तार बाबा पर दो एफआईआर चमनगंज थाने में और एक एफआईआर बजरिया थाने में दर्ज है। फिलहाल वह क्राउड फंडिंग के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल की सलाखों के पीछे है। हिंसा की जांच में जुटी एसआईटी लगातार उनसे पूछताछ कर रही है। अब तक हुए खुलासे में अनुसार हिंसा से पहले मुख्तार बाबा ने जफर हयात हाशमी के खाते में लगभग 5 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके साथ ही बाबा होटल में ही पत्थरबाजों की बैठक हुई थी। इस बैठक में एक-एक पत्थरबाज को 500 से 1000 रुपए तक दिए गए थे।
पंक्चर बनाने से करोड़पति बनने का सफर
1968 में मुख्तार बाबा के पिता मोहम्मद इशहाक अहमद राम जानकी मंदिर के नीचे पंक्चर की दुकान लगाता था। जब मुख्तार बाबा का जन्म हुआ तो उसने भी समझदार होने पर पिता की दुकान में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने आगे ही ब्रेड और दूध का काउंडर लगातार उसे बेचना शुरू किया। 1992 में जब बाबरी विध्वंस में प्रदेश दंगे की आग में जल रहा था तो मुख्तार बाबा की किस्मत खुल गई। इसी बीच गम्मू खां के हाता में मुख्तार बाबा की नजर पड़ गई। वह खुद को मुख्तार अंसारी से कम नहीं समझता था। कहीं दबंगई तो कहीं अन्य कामों के जरिए ही उसने करोड़पति बनने का सफर तय किया। इसके बाद कई जगहों पर जमीन खाली करवा उसे बेंचना शुरू कर काफी पैसा जुटाया। इस बीच D-2 गैंग की बिरयानी पार्टी मुख्तार बाबा की दुकान पर ही होती थी। इसी के रसूख पर उसने तमाम संपत्ति जुटाना शुरू किया।
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