कौशांबी में स्थित 51वीं शक्तिपीठ कड़ा धाम और प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में एक युवक ने अपनी जीभ काट दी। जिसके बाद व्यक्ति को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ऐसा करने के पीछे युवक अंधविश्वास माना जा रहा है।
कौशांबी: आज का भारत 21वीं सदीं का भारत कहा जाता है। 21वीं सदीं तक आते-आते लोगों ने कई भ्रांतियों को तोड़ नए माहौल से जुड़ते चले गए। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आज भी अपने अंधविश्वास के अंधकार को मन में समेटे हुए हैं। ऐसा बी अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला कौशांबी में देखने को मिला है। आस्था और भक्ति के नाम पर एक शख्स ने ऐसा कारनामा कर डाला जिससे उसकी जान मुसीबत में पड़ गई और देखने वाले हैरत में पड़ गए। यूपी के कौशांबी जिले में सिराथू तहसील और सैनी थाना क्षेत्र में 51वीं शक्तिपीठ कड़ा धाम और प्रसिद्ध शीतला माता का मंदिर बना है। यहां पर एक युवक ने मां शीतला को अपनी जीभ काटकर दान में चढ़ा दी।
युवक ने मंदिर में काटी जीभ
इस मंदिर में भक्त दूर-दराज से दर्शन करने के लिए आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। शनिवार सुबह पश्चिम शरीरा क्षेत्र के पूरब शरीरा निवासी 45 वर्षीय संपत लाल पुत्र दुर्गा कुमार भी मंदिर दर्शन करने के लिए आया था। इस दौरान उसकी पत्नी बन्नू देवी भी उसके साथ थी। मां शीतला के दरबार में पहुंचने के बाद संपत लाल और उसकी पत्नी कड़ा धाम मंदिर की सीढ़ियों पर पहुंचे। जहां पर उसने जेब में रखी ब्लेड को निकाल कर अपनी जीभ काट दी। इसके बाद वह दर्द से कराहते हुए जमीन पर गिर पड़ा और सीढ़ियों पर खून की धार बहने लगी। पति को इस हालत में देख उसकी पत्नी जोर-जोर से रोने लगी। मंदिर परिसर में यह नजारा देख आसपास मौजूद अन्य भक्त भी सहम गए।
अंधविश्वास में किया ऐसा काम
इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और इस घटना की जानकारी होने पर कड़ा धाम के पंडे भी मौके पर पहुंच गए। वहीं घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल संपत लाल को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। पुलिस ने इस मामले पर उसकी पत्नी से जानकारी लेनी चाही कि आखिर संपत लाल ने ऐसा क्यों किया। लेकिन घटना का कारण नहीं पता चल सका है। बन्नू देवी ने कहा कि उसका पति से विवाद भी नहीं हुआ था। इसके बाद भी उन्होंने ऐसा क्यों किया वह खुद भी इसका कारण नहीं समझ पाई है। कड़ा धाम मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आत्म प्रकाश पंडा ने बताया कि मां शातला के दरबार में नाखून काटने और नारियल फोड़ने की भी मनाही है। माता किसी की भी बलि नहीं लेती हैं। इसलिए अंधविश्वास में आकर अपने शरीर को क्षति न पहुंचाए।
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