बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से यूपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया गया। विश्वनाथ पाल को उनके जन्मदिन के मौके पर यूपी की कमान दी गई है। मायावती ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी।
लखनऊ: यूपी की सियासत में लगातार कमजोर हो रही बसपा को फिर से खड़ा करने कवायद लगातार जारी है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अति पिछड़े समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल को यूपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। यूपी निकाय चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विश्वनाथ पाल को मिली इस जिम्मेदारी को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं एक खास बात यह भी है कि विश्वनाथ पाल को यह जिम्मेदारी उनके जन्मदिन के अवसर पर दी गई है।
जन्मदिन के दिन ही मायावती ने दिया खास तोहफा
विश्वनाथ पाल का जन्म 20 दिसंबर 1973 को यूपी के अयोध्या जिले में हुआ था। थाना पुरा कलंदर के ग्राम अनंतपुर में किसान परिवार में जन्मे विश्वनाथ के पिता का नाम परमेश्वर दीन पाल और माता का नाम कलपा देवी पाल है। वह अपने 5 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। विश्वनाथ पाल का जीवन संघर्षों में बीता है। विश्वनाथ के पिता परमेश्वर दीन पाल खेतीहर मजदूर थे और उन पर ही पूरे परिवार के पालन पोषण का जिम्मा भी था। ऐसे में उनकी जिंदगी भी संघर्षों से भरी हुई रही। मंगलवार 20 दिसंबर को विश्वनाथ पाल का जन्मदिन था और उसी दिन शाम को बसपा सुप्रीमो ने उन्हें यूपी बसपा अध्यक्ष बनाकर जन्मदिन का तोहफा दे दिया।
मायावती ने ट्ववीट कर दी जानकारी
मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि, 'वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए बी.एस.पी., यू.पी. स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत विश्वनाथ पाल, मूल निवासी ज़िला अयोध्या को बी.एस.पी. यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। विश्वनाथ पाल, बी.एस.पी. के पुराने, मिशनरी कर्मठ व वफादार कार्यकर्ता हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वे विशेषकर अति-पिछड़ी जातियों को बी.एस.पी. से जोड़कर, पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी-जान से काम करके सफलता जरूर अर्जित करेंगे।' अपने अगले ट्ववीट में उन्होंने लिखा कि हालाँकि इनसे पहले भीम राजभर ने भी बी.एस.पी.यू.पी. स्टेट अध्यक्ष के पद पर रहकर, पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी व वफादारी से कार्य किया है, जिनकी पार्टी आभारी है तथा इनको अब पार्टी ने बिहार प्रदेश का कोआर्डिनेटर बना दिया है।
कई अहम पदों पर सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं विश्वनाथ
आपको बात दें कि विश्वनाथ पाल ने 90 के दशक में सियासत में कदम रखा था। विभिन्न पदों पर रहते हुए वह पार्टी में अपनी सक्रिय भूमिका को निभाते रहें। उन्होंने सेक्टर अध्यक्ष, विकास नगर के अध्यक्ष, अयोध्या जिला उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, अयोध्या मंडल के सचिव पद समेत कई जिम्मेदारियां निभाई। मायावती ने उन्हें बसपा की भाईचारा कमेटी की भी जिम्मेदारी सौंपी थी। वह फैजाबाद और देवीपाटन मंडल में बसपा भाईचारा के कोर्डिनेटर भई रहें। उन्होंने पाल समाज को पार्टी के साथ लाने में अहम भूमिका निभाई। ज्ञात हो कि 2007 में बसपा की सरकार बनाने पर उसमें अयोध्या की अहम भूमिका रही थी। विश्वनाथ पाल मिर्जापुर, सोनभद्र जैसे इलाकों के प्रभारी भी रह चुके हैं। इसके अलावा एमपी, बिहार, राजस्थान में भी उनके द्वारा बहुजन समाज पार्टी के लिए काम किया गया है। उन्होंने सामान्य कार्यकर्ता से लेकर बसपा प्रदेश अध्यक्ष बनने तक का सफर तय किया है।
चुनाव में नहीं हासिल हुई थी सफलता
विश्वनाथ पाल ने सदैव पार्टी के हित में काम किया है और उन्हें मायावती के करीबी नेताओं के तौर पर जाना जाता है। हालांकि उन्होंने चुनाव में सफलता नहीं हासिल की है। राजनीतिक पारी की शुरुआत करने के बाद विश्वनाथ ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। वह अयोध्या जिले के मसौधा ब्लाक से ही जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े थे लेकिन चुनाव में उन्हें जीत नहीं हासिल हो सकी थी। इसके बाद से उन्होंने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा।