Special Story: जानिए कौन थे संविधान सभा के सदस्य पंडित बंशीधर मिश्र, जिनकी कर्मस्थली रही खीरी

आजदी से पहले 1937 में विधानसभा गठित हुई तो उसमें बंशीधर को विधायक बनाया गया। आजादी के बाद 1962,1967 और 1969 में विधानसभा सदस्य चुने गए। 1969 में वे उत्तर प्रदेश के वन मंत्री भी रहे। जिले में सक्रिय स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में वह मुख्य अगुआकर थे। 73 वें गणतंत्र दिवस पर पंडित बंशीधर मिश्र का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गईा।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 5:40 AM IST

राजपूत धर्मेंद्र
लखीमपुर खीरी:
स्वाधीनता संग्राम में खीरी जिले की बड़ी हिस्सेदारी रही थी। स्वतंत्रता आंदोलन (freedom movement) से जुड़े पंडित बंशीधर मिश्र (Pandit Banshidhar mishra) ने अंग्रेजों से लड़ाई से लेकर संविधान (Constitution) तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त होने के बाद बनी सरकार ने खीरी जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे बंशीधर मिश्र को संविधान सभा का सदस्य बनाया। उन्होंने संविधान तैयार किये जाते समय कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए थे। आजादी मिलने के बाद संविधान सभा को ही लोकसभा (Lok  sabha) का दर्जा दे दिया गया। इस तरह बंशीधर मिश्र पहली लोकसभा के सदस्य हो गए।

संविधान सभा का सदस्य किया गया मनोनित
अंग्रेजी हुकूमत की दासता से मुक्त होने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में 207 सदस्यीय संविधान सभा का गठन किया गया। खीरी जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे पंडित बंशीधर मिश्र को संविधान सभा का सदस्य मनोनीत किया गया।

सहयोग आंदोलन और सत्याग्रह में भी थे शामिल
पंडित बंशीधर मिश्र का जन्म शाहजहांपुर पुवायां गांव (Shehjahanpur, purwayan villege) में हुआ था। 1926 में वे लखीमपुर आ गए औऱ आजादी के आंदोलन में सक्रिय हो गए। मिश्र कई बार जेल भी गए। बंशीधर मिश्र सहयोग आंदोलन (Sahyog movement ) और सत्याग्रह (Satyagreh) में शामिल रहे। वे बार बार जेल जाते। मिश्र जमानत पाते और जेल से वापस आते ही फिर से स्वधीनता (independence) की मशाल लेकर चल पड़ते थेा।

क्या था राजनीतिक इतिहास
आजदी से पहले 1937 में विधानसभा (Vidhansabha) गठित हुई तो उसमें बंशीधर को विधायक बनाया गया। आजादी के बाद 1962,1967 और 1969 में विधानसभा सदस्य  चुने गए। 1969 में वे उत्तर प्रदेश के वन मंत्री भी रहे। जिले में सक्रिय स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में वह मुख्य अगुआकर थे। 73 वें गणतंत्र दिवस पर पंडित बंशीधर मिश्र का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गईा।

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