लखीमपुर कांड (Lakhimpur Kheri Violence) में 3 अक्टूबर को चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दो BJP कार्यकर्ता, एक मंत्री की थार जीप का ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने ही गाड़ी से किसानों को कुचला था। हादसे के चौथे दिन यानी आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। सरकार की तरफ से मारे जाने वाले सभी आठ लोगों के घरवालों को 45-45 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा भी किया गया है।
लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई और पूछा कि मामला जब 302 का है तो गिरफ्तारी 5 दिन बाद भी क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने कहा है कि वह मामले की जांच में यूपी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है। ये निर्देश भी दिए कि यूपी सरकार अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित कर लें कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है, तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें। कोर्ट ने सवाल किया- क्या सीबीआई जांच की सिफारिश की गई? बता दें कि मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को शुक्रवार सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह अब तक नहीं पहुंचा। यूपी सरकार की तरफ से पक्ष रखने वाले वरिष्ठ हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि आशीष कल (शनिवार) 11 बजे तक पेश हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के सवालों के आगे बेबस दिखी सरकार...
चीफ जस्टिस ने पूछा- आखिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? 302 के मामले में पुलिस सामान्यत: क्या करती है? सीधा गिरफ्तार ही करते हैं ना! अभियुक्त जो भी हो, कानून को अपना काम करना चाहिए। इससे पहले कोर्ट में हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। हालांकि, कोर्ट में यूपी सरकार ने यह भी बताया कि घटनास्थल से दो खाली कारतूस मिले थे। साल्वे ने कहा कि अभियुक्त आशीष को नोटिस भेजा गया है वो आज आने वाला था, लेकिन उसने कल सुबह तक का टाइम मांगा है। हमने उसे कल (शनिवार) सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है। सीजेआई ने पूछा कि जिम्मेदार सरकार और प्रशासन इतने गंभीर आरोपों पर अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा है?
बेगुनाही का दावा करने वाले मंत्री का बेटा नहीं आ रहा पुलिस के सामने?
5 दिन से लगातार बेगुनाही का दावा करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) पुलिस का सामना करने से डर गए हैं। आशीष को शुक्रवार सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने रिजर्व पुलिस लाइन में बयान दर्ज कराने का नोटिस दिया था। ये नोटिस (Notice) उनके घर के बाहर चस्पा किया गया था। मगर, वे अब तक नहीं पहुंचे। इसी बीच, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि आशीष की लोकेशन (Ashish Location) भारत-नेपाल बॉर्डर (India-Nepal Border) पर मिली है। वे अपने दोस्त अंकित दास (Ankit Das) के साथ फरार हैं। अंकित दास पूर्व कांग्रेसी नेता अखिलेश दास (Akhilesh Das) का भतीजा है। पुलिस का कहना है कि अभी हम फरार नहीं कह सकते हैं। अगर वे नहीं आते हैं तो कोर्ट की प्रोसेस पूरी करेंगे।
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उत्तराखंड और नेपाल में लोकेशन, पुलिस तलाश में जुटी
पुलिस का कहना है कि हम आशीष की तलाश कर रहे हैं। उसकी पहली लोकेशन नेपाल थी, जबकि सुबह की लोकेशन उत्तराखंड के बाजपुरा में बताई गई। लखीमपुर खीरी पुलिस ने नेपाल और उत्तराखंड पुलिस से संपर्क किया है। दरअसल, लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हिंसा के बाद सियासत गरमा गई थी। यहां राजनीतिक दलों के नेता पीड़ित किसान परिवारों से मिलने पहुंच रहे हैं। इधर, आशीष के चचेरे भाई अमित मिश्रा ने कहा कि भागने की कोई बात नहीं है। आशीष एसआईटी के सामने पेश होंगे। आज नहीं तो शाम तक वे एसआईटी के सामने पहुंचेंगे। वहीं, हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कुछ ही देर बाद सुनवाई होगी। यूपी सरकार को स्टेटस दाखिल करना है। इसमें गिरफ्तारी, एफआईआर, जांच आयोग की डिटेल देनी है। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमना की बेंच ने रिपोर्ट तलब की थी।
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