लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur violence) मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Union Minister Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को सीजेएम कोर्ट (CJM Court) ने तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। मामले में जांच के लिए बनाई गई एसआईटी टीम अब आशीष से सवाल-जवाब कर सकेगी। SIT ने कोर्ट से कहा- आशीष से सिर्फ 12 घंटे ही पूछताछ हो पाई, जिसमें उसने जवाब नहीं दिए, इसलिए 14 दिन की पुलिस हिरासत दी जाए। लेकिन, आशीष के वकील की ओर से विरोध किया गया।
लखनऊ। यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Case) मामले में अब सियासत तेज हो गई है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ (Union Minister Ajay Mishra) की बर्खास्तगी की मांग को लेकर लखनऊ (Lucknow) में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने ‘मौन धरना’ दिया। प्रियंका का कहना था कि मंत्री का बेटा किसानों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हो गया है। क्या अब भी मंत्री को अपने पद पर बने रहने का अधिकार है? निष्पक्ष जांच और न्याय के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की बर्खास्तगी जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को टैग किया और कहा- मोदीजी अपने मंत्री को संरक्षण देना बंद करिए। किसानों को न्याय दो।
दरअसल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी हैं। प्रियंका मामले में लगातार भाजपा पर दबाव बना रही हैं। इससे पहले पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू ने आशीष की गिरफ्तार और जांच जॉइन करने की मांग को लेकर मौन व्रत रखकर धरना दिया था। दूसरे दिन आशीष के पेश होने पर सिद्दू ने धरना समाप्त कर दिया था। इसी कड़ी में सोमवार को प्रियंका ने मौन व्रत रखकर यूपी चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी पैदा करने की कोशिश शुरू कर दी।
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कांग्रेसी किसी से नहीं डरते, भले जेल में डालो या पीटा
लखनऊ में दोपहर में प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जीपीओ पार्क में एकत्र हुए और महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने मौन धरने पर बैठ गए। पार्टी ने मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। इससे पहले प्रियंका ने रविवार को वाराणसी में एक रैली को संबोधित किया था और कहा था- ‘कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते, भले ही आप उन्हें जेल में डाल दें या उनकी पिटाई करें। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) इस्तीफा नहीं देते। हमारी पार्टी ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है और कोई हमें चुप नहीं करा सकता।’
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मौन व्रत रखकर सपना देख सकती है कांग्रेस
इधर, कांग्रेस के ‘मौन धरने’ पर यूपी सरकार के प्रवक्त सिद्धार्थनाथ सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा- कानून अपना काम करेगा और किसी भी तरह के दबाव से प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर वे ‘मौन व्रत’ या प्रदर्शन करना चाहते हैं तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। कांग्रेस का यह चलन है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिए बिना कहा कि हमारे प्रधानमंत्री 10 साल से ‘मौन व्रत’ कर रहे थे। हो सकता है कि अगर वे ‘मौन व्रत’ पर बैठें हैं तो प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख सकते हैं। सिंह का कहना था- ‘भाई-बहन (राहुल-प्रियंका) क्या करें? हम उन्हें गूगल मैप्स (नक्शा) भेज रहे हैं, जिसमें एक रास्ता राजस्थान को जाता है। वहां एक दलित की हत्या की गई थी और वे अभी तक वहां नहीं गए हैं और दूसरा रास्ता छत्तीसगढ़ जाता है, उन्हें अपने मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए कि वहां किसानों की हत्या क्यों की गई? वहां मौन व्रत क्यों नहीं होता?
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हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हिंसा हो गई थी। यहां किसान प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच, सड़क पर पैदल चल रहे किसानों को मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष की गाड़ी ने रौंद दिया था। इसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी। बाद में भीड़ ने 2 भाजपा कार्यकर्ता, गाड़ी ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था। मामले में सरकार ने मरने वालों के परिवारों को 45-45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा किया है।