खेत नपाई की मांग लेकर पहुंचे किसान से लेखपाल और कानूनगो ने कहा 'मर जाओ', मायूस लौटे किसान ने कर ली आत्महत्या

यूपी के झांसी में एक किसान ने खेतों में पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली है। किसान के पास सुसाइड नोट मिला है। उसने अपनी मौत के लिए तहसील के लेखपाल और कानूनगो को ठहराया है। किसान का शव पेड़ से लटकता देख दूसरे किसानों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।

Hemendra Tripathi | Published : Jul 3, 2022 9:56 AM IST

झांसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) राज्य के किसानों के लिए नई नई स्कीमें लाकर उन्हें लाभ पहुंचाने में जुटी हुई है। वहीं, विभागीय अफसरों (Departmental Officer) की ओर से की जा रही लापरवाही और घूसखोरी के चलते किसानों की समस्याएं कम होने के बजाए बढ़ती चली जा रही हैं। इसी से जुड़ा एक मामला यूपी के झांसी (Jhansi) से सामने आया। जहां एक किसान ने खेतों में पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली है। किसान के पास सुसाइड नोट मिला है। उसने अपनी मौत के लिए तहसील के लेखपाल और कानूनगो को ठहराया है। किसान का शव पेड़ से लटकता देख दूसरे किसानों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।

खेत नापने के लिए किसान से की थी पैसों की मांग
मृतक किसान रघुवीर के बेटे जियालाल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हदबंदी के मुकदमे में उसके पक्ष में फैसला हुआ था। इसके बावजूद राजस्व निरीक्षक सत्यनारायण तिवारी और लेखपाल हेमंत राजपूत पिता रघुवीर को परेशान कर रहे थे। मृतक किसान के बेटे ने बताया कि दोनों अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर और जिलाधिकारी से की गई। लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। खेत नापने की मांग को लेकर रघुवीर लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे। जियालाल ने बताया कि समाधान दिवस में  भी उसके किसान पिता रघुवीर मामले की शिकायत लेकर गए थे, लेकिन उस दौरान राजस्व निरीक्षक ने आठ हजार रुपये और लेखपाल ने दस हजार रुपये की मांग रख दी। 

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किसान ने खुदकुशी की कही बात तो अफसर बोले - मर जाओ 
मृतक किसान के बेटे ने राजस्व निरीक्षक और लेखपाल पर आरोप लगाते हुए बताया कि जब किसान रघुवीर राजस्व निरीक्षक और लेखपाल से कहा कि यदि वे जमीन की नाप नहीं करेंगे तो वह खुदकुशी कर लेगा। इस पर राजस्व निरीक्षक ने खेत न नापने की बात कहते हुए कहा कि मर जाओ। इतना ही नहीं, रघुवीर ने राजस्व निरीक्षक से कहा कि वे गांव से यहां तक पैदल आए हैं और उनके पास किराए के पैसे भी नहीं हैं। हालाकि, अनेकों समस्याएं बताने के बावजूद जब जिम्मेदारों की ओर से ऐसा बर्ताव देखने को मिला तो  आहत होकर रघुवीर ने तहसील से लौटकर गांव के बाहर एक खेत पर पेड़ पर लटककर आत्महत्या कर ली। 

सुसाइड नोट में किसान ने बताई आत्महत्या की वजह
मृतक किसान रघुवीर की आत्महत्या से जुड़ी जानकारी मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव के आसपास छानबीन शुरू की। उस दौरान वहां एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है। इस सुसाइड नोट में रघुवीर ने आत्महत्या करने की वजह बताते हुए लिखा है कि सत्यनारायण आठ हजार रुपये और हेमंत दस हजार रुपये मांग रहा है। रघुवीर ने इस सुसाइड नोट में जमीन की नापतौल और उसके साथ हुई धांधली का ब्यौरा दिया है। सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि ग्यारह साल मुकदमा चला, लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिला। जमीन की नाप लिखते हुए उसने लिखा है कि उसे 17 डिसमिल जमीन कम दे रहे हैं, इसलिए अपनी जान दे रहा हूं।  मौके पर पहुंचे एसडीएम राजकुमार ने बताया कि हदबंदी नहीं हो रही थी, इस वजह से परेशान थे और आत्महत्या कर ली। परिवार के लोगों ने लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने परिवार के लोगों से कहा है कि यदि ये दोषी हैं तो दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर की एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को लेकर उठाया बड़ा कदम, मामला जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

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