अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एंटी माफिया टास्क फोर्स का गठन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया गया था। जिसके बाद नतीजा यह हुआ कि अभी तक 62 अपराधियों को पकड़कर करोड़ों की संपत्ति जब्त कर कार्रवाई की जा चुकी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार दोबारा बनने के बाद कानून के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। सीएम योगी ने भ्रष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अपराधियों की भी कमर कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। राज्य में माफिया के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करने के लिए गठित की गई एंटी माफिया टीम ने अब तक 62 अपराधियों को चिन्हित कर उनसे ढाई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। जिसमें से 41 को अभियान चलाकर सजा दिलाई तो नौ को मुठभेड़ में मौत भी हुई है।
62 अपराधियों की 2524 करोड़ की संपत्ति की गई जब्त
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि एंटी माफिया टास्क फोर्स का गठन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया गया था। इसका नतीजा यह हुआ है कि अब तक 21 मुकदमों में 12 माफिया और उनके साथियों को सजा दिलाई जा चुकी है। इतना ही नहीं अभियान के साथ-साथ कुछ मुठभेड़ में मारे गए तो कुछ अपराधियों को मृत्युदंड की सजा भी शामिल है। उन्होंने आगे बताया कि अभी तक 62 अपराधियों को चिह्नित किए गए अपराधियों की 2524 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है।
311 अपराधियों की दोबारा खोली गई हिस्ट्रीशीट
प्रशांत कुमार ने बताया कि 24 की जमानत निरस्तीकरण, 70 अपराधियों को जिला बदर और 311 की हिस्ट्रीशीट खोली गई। आगे कहते है कि जबकि 318 के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल अब तक मुख्तार अंसारी से जुड़े सात मामलों में चार्ज फ्रेमिंग की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा आकाश जाट, सुंदर भाटी, अमित कसाना, एजाज, कुंतू सिंह, मुनीर, योगेश भदौड़ा, अजीत सिंह, विजय मिश्रा, अनिल दुजाना से संबंधित अपराधियों को अलग-अलग मामलों में दंडित कराया गया है। एंटी माफिया टास्क फोर्स के गठन के बाद पूरे राज्य में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए बेहतर कदम उठाया गया है।