डेंगू से मुकाबले के लिए सीएम योगी ने बनाई खास प्लानिंग, घर-घर स्क्रीनिंग के साथ अधिकारियों को दिए ये निर्देश

यूपी में डेंगू और अन्य संचारी रोगों की वर्तमान स्थिति को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक की। उसके बाद अधिकारियों को निर्देश दिए है कि हर जिले में डेंगू डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाने के निर्देश दिए है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 12, 2022 10:43 AM IST / Updated: Nov 12 2022, 04:14 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को डेंगू व अन्य संचारी रोगों की वर्तमान स्थिति को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए रोकथाम के लिए प्रयासों को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में डेंगू व अन्य संचारी रोगों को दुष्प्रभाव में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, इनकी बेहतर स्क्रीनिंग के लिए सर्विलांस को बेहतर करने की आवश्यकता है। इसके अलावा हर जिले में डेंगू डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 

घर-घर स्क्रीनिंग के साथ आशा बहनों का लें सहयोग
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि डेंगू रोकथाम के लिए सर्विलांस जरूरी है। घर-घर स्क्रीनिंग के साथ-साथ आशा बहनों का सहयोग लें। डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की भांति डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल एक्टिव किए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि कम से कम हर जिले में एक ऐसा डेडिकेटेड अस्पताल जरूर क्रियाशील हो। जिसमें चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता हो, जांच की सुविधा के साथ-साथ उपचार की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके अलावा इसको आइसीसीसी से भी जोड़ा जाना चाहिए। राज्य के सभी मंत्री फील्ड में बने रहे। हर एक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए ताकि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेड मिले। उसकी विधिवत चिकित्सकीय जांच हो और समय पर बेहतर इलाज दिया जाए।

डेंगू के कारण, बचाव को लेकर दी जाए जानकारी
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी व अन्य उच्च स्तरीय संस्थान साधन संपन्न हैं। इन सभी का लाभ जनता को मिलना चाहिए। स्वास्थ्य सेवा अथवा सुरक्षा में तैनात कार्मिकों से मरीजों के तीमारदारों के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार बनाने की अपेक्षा है। इन सबके अलावा नगर विकास, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज और सूचना विभाग व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। डेंगू के कारण, लक्षण, बचाव आदि के बारे में लोगों को सही जानकारी दी जाए। साथ ही अखबारों में जागरूकता परक विज्ञापन, दीवार पेंटिंग, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि के माध्यम से इस बीमारी के कारण प्रभाव और उपचार के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाए।

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