लाखों के जेवरात की मालकिन हैं डिंपल, पति अखिलेश से लिया उधार, फिर भी दोनों बे-'कार'

यूपी में हो रहे उपचुनाव में सोमवार को दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में डिंपल ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक उनके पास लखनऊ और सैफई में जमीन है। पिछले साढ़े दस महीने में उनकी संपत्ति घटी है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार व सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ पति अखिलेश व पार्टी के कई नेता मौजूद रहे। कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले दोनों नेताजी की समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी और फिर नामांकन दाखिल किया। बता दें कि डिंपल कन्नौज से दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं जबकि दो चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ चुका है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान डिंपल ने कन्नौज से चुनाव लड़ा था, तब उन्हें भाजपा के सुब्रत पाठक से मात मिली थी।

डिंपल के हलफनामें में शामिल है ये चीजें
सोमवार 14 नवंबर को दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया। जिसमें उनके पास लखनऊ और सैफई में जमीन है लेकिन पिछले साढ़े दस महीने में उनकी संपत्ति घटी है। डिंपल यादव ने उपचुनाव से पहले हलफनामे में बताया है कि उनके पास सवा लाख का कंप्यूटर, करीब साठ साल के गहने तो हैं लेकिन कार या बाइक नहीं है। इसके अलावा नेताजी की बहू डिंपल के पास करीब 60 लाख रुपये के गहने हैं। उसमें सोने, चांदी, हीरे और मोती के आभूषण शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ और सैफई में डिंपल के नाम जमीनें भी हैं। 

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चार से सात करोड़ बढ़ गई थी डिंपल की संपत्ति
सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने साल 2009 में पहली बार चुनाव लड़ा था। उन्होंने फिरोजाबाद सीट से उपचुनाव में कांग्रेस के राजबब्बर का मुकाबला किया था लेकिन वह हार गई थी। इस दौरान उनके पास चार करोड़ रुपए की संपत्ति थी। उसके बाद साल 2012 में डिंपल ने दूसरी बार लोकसभा का चुनाव कन्नौज से लड़ा। कन्नौज की सीट से पहले अखिलेश यादव सांसद थे लेकिन 2012 में मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव निर्विरोध जीत गईं थीं। उस वक्त डिंपल के पास नौ करोड़ तीन लाख रुपये की संपत्ति थी।

2019 के हलफनामे से बढ़ गई डिंपल की संपत्ति
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने 28 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बताई थी। सिर्फ दो साल में उनकी संपत्ति में 19 करोड़ से अधिका की बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी डिंपल ने अपने चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी दी है। इस दौरान उनकी संपत्ति में करीब नौ करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था और बढ़कर 37 करोड़ 78 लाख पहुंच गई। बता दें कि डिंपल ने 1993 में आर्मी पब्लिक स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल की पढ़ाई की है। उसके बाद 1995 में इंटरमीडिएट और 1998 में बीकॉम की डिग्री ली। 2012 और फिर 2014 में दो बार डिंपल कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुनी जा चुकी हैं।

पहली बार दोनों की संपत्तियों में आई है कमी
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ 14 लाख से ज्यादा बताई थी। साढ़े दस महीने बाद घटकर 39 करोड़ 91 लाख 50 हजार 416 रुपये हो गई है। उसके बाद साल 2004 से अब तक अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने जितनी बार चुनावी हलफनामा दायर किया हर बार उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ। पहली बार ऐसा हो रहा है जब डिंपल-अखिलेश की संपत्ति में कमी आई है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के नाम पर 76 हजार का फोन करीब साढ़े पांच लाख की व्यायाम मशीन है लेकिन उनके नाम पर भी कोई गाड़ी नहीं है। इसी प्रकार डिंपल के पास लाखों के जेवरात होने के बाद कोई कार नहीं है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल को 20 लाख का उधार दे रखा है। वहीं दूसरी ओर पिता मुलायम सिंह यादव को दो करोड़ 13 लाख से अधिक का उधार दे रखा था। इसी तरह डिंपल ने भी गोविंद बल्लभ चतुर्वेदी और राम चतुर्वेदी नाम के दो लोगों का उधार दे रखा है। 

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