
लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की लखनऊ और अमेठी में उनके परिवार की संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया। इस दौरान ईडी ने संपत्तियों पर अपना बोर्ड लगा दिया। समाजवादी पार्टी के शासन में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति फिलहाल जेल में बंद हैं। शहर के मोहनलालगंज में जहां करोड़ों की कीमत वाली चार बीघा जमीन जब्त की गई है। ईडी की टीम ने लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील के मऊ गांव पहुंची। यहां की जमीनों को जब्त कर वहां ईडी ने अपना बोर्ड लगा दिया। पूर्व मंत्री के बेटे अनिल प्रजापति के नाम पर खरीदी गई लगभग साढ़े चार बीघे जमीन को टीम ने कब्जे में लिया। इसकी कीमत लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए बताई जा रही है।
अतिक्रमण के खिलाफ सख्त होगी कानूनी कार्रवाई
इसी तरह अमेठी जिले की अमेठी तहसील क्षेत्र में भी संपत्ति को ईडी ने अपने कब्जे में लिया। टीम ने गायत्री प्रजापति के पैतृक गांव परसावां में स्थित कृषि योग्य जमीन पर अपना कब्जा लिया है। परसावां में गाटा संख्या 50 व 51‚ महमूदपुर में गाटा संख्या 1072 और बहादुरपुर में भी गायत्री प्रजापति की जमीन पर कब्जा लेकर बोर्ड लगा दिया है। इस बोर्ड पर उप निदेशक प्रवर्तन निदेशालय के आदेश के हवाले से लिखा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत यह संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के कब्जे में है। अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टीम द्वारा जब्त संपत्तियां 55 करोड़ गया था आंका
सपा सरकार में रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध ईडी ने आठ अप्रैल 2021 को बड़ी कार्रवाई की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री व उसके परिवार के सदस्यों की 36.94 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इसके साथ ही गायत्री के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी की विशेष अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था। इस दौरान गायत्री और उसके परिवार की जो संपत्तियां अटैच की गई थीं, उनमें 57 बैंक खातों में जमा करीब 3.50 करोड़ रुपए तथा 60 चल-अचल संपत्तियों शामिल थीं। टीम द्वारा जब्त संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपए आंका गया था। अखिलेश सरकार में ताकतवर मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति इन दिनों गैंगरेप के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। उन्हें लखनऊ जिला कारागार में रखा गया है। सरकार के निर्देश पर ईडी जेल में बंद पूर्व मंत्री के संपत्तियों की जांच कर रही है।
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