सोनभद्र डीएम के बाद गाजियाबाद एसएसपी पर गिरी गाज, आईपीएस पवन कुमार निलंबित

बीते कुछ दिनों से गाजियाबाद में लगातार हो रही लूट की संगीन घटनाएं पवन कुमार पर भारी पड़ीं। 2009 बैच के आइपीएस अधिकारी पवन कुमार को अगस्त, 2021 में एसएसपी गाजियाबाद के पद पर नियुक्त किया गया था। पवन कुमार पर ड्यूटी में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के लिए निलंबित किया गया है। वह गाजियाबाद से पहले मुरादाबाद में एसएसपी थे।

Asianet News Hindi | Published : Apr 1, 2022 5:06 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ शपथ लेने के बाद जबरदस्त एक्शन मोड में आ गए। जीरो टालरेंस नीति के तहत सीएम योगी ने गुरुवार को दो बड़ी कार्रवाई की है। पहले भ्रष्टचार के आरोप में सोनभद्र डीएम  टीके शिबू को निलंबित किया, इसके कुछ ही देर बाद अपराध पर लगाम लगाने में नाकाम गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार को हटा दिया।  फिलहाल जब तक गाजियाबाद कप्तान की कुर्सी खाली है तब तक आइजी रेंज मेरठ प्रवीण कुमार को गाजियाबाद संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।

हाल में हुईं ये घटनाएं
गाजियाबाद में 28 मार्च को बाइक सवार बदमाशों ने पेट्रोलपंप कर्मियों से 25 लाख रुपये लूट लिये थे। विरोध पर बदमाश फायरिंग करते हुए भाग निकले थे। इस वारदात को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कानून-व्यवस्था पर सवाल भी उठाया था।

भाजपा नेता से हुआ था विवाद
इससे पूर्व 23 मार्च को गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में बदमाशों ने निजी कंपनी में घुसकर 10 लाख रुपये लूट लिये थे। इसी दिन शहर में बदमाशों ने असलहे के जोर पर एक महिला के जेवर भी लूटे थे। लगातार हो रही संगीन घटनाओं पर एसएसपी अंकुश लगाने में नाकाम रहे। 10 मार्च को मतगणना के दिन पवन कुमार का कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं से विवाद भी हुआ था।

नई सरकार के गठन के बाद आईपीएस पर ये पहली कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही व अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण न कर पाने के चलते पवन कुमार के निलंबन की कार्रवाई की गई है। नई सरकार के गठन के बाद किसी आइपीएस अधिकारी के विरुद्ध की गई यह पहली कार्रवाई है।

सीएम योगी के पिछले शासनकाल में भ्रष्टाचार व शासकीय दायित्वों में लापरवाही के चलते 17 आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हुई थी। जिनमें महोबा में क्रशर कारोबारी की आत्महत्या के मामले में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार निलंबन की कार्रवाई के बाद भाग निकले थे। बाद में उन्हें कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था और वह अब तक फरार हैं।

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