
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रामपुर उपचुनाव से पहले आजम खां के समर्थकों में भाजपा प्रेम जग रहा है। कुछ ही दिनों में कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता है। आजम खां के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई और उपचुनाव में उनके परिवार का प्रत्याशी न होना बड़ा कारण माना जा रहा है। उपचुनाव से पहले ही यहां का सियासी माहौल तेजी से बदल रहा है। जो कभी आजम की आवाज बनने के साथ-साथ भरोसेमंद हुआ करते थे पर अब वहीं साथ छोड़ रहे हैं।
आजम की उपेक्षा से बिल्कुल मन गया टूट
आजम खान के द्वारा भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने से स्थितियां तेजी से बदली हैं। उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान शानू और ट्रांसपोर्ट ताहिर के बाद लोहिया वाहनी के जिलाध्यक्ष रह चुके मोईन पठान ने भी सपा को अलविदा कह दिया। उनका कहना था कि उपचुनाव में टिकट मांग रहा था लेकिन टिकट नहीं मिला। उनकी उपेक्षा से मन टूट गया है। उन्होंने आगे कहा कि वह हर चुनाव में पार्टी के लिए ताकत लगाता था और टिकट मिलता तो आजम की इज्जत और बना देता। मोईन पठान वहीं हैं, जिन्होंने बुरे समय में आजम खान का साथ नहीं छोड़ा था।
तानाशाही से तंग आकर छोड़ रहे पार्टी
दूसरी ओर आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत खान शानू ने बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाभकारी योजनाओं से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि सपा में सम्मान नहीं मिला इसलिए वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वहीं पूर्व मंत्री नवेद मियां का कहना है कि सपा छोड़ने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है। आजम खान के जुल्म, तानाशाही, ज्यादती और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके लोग सपा प्रत्याशी को हराने में जुट गए हैं। इस उपचुनाव में आजम के साथ उनका साया भी नहीं बचेगा।
उपचुनाव में सपा और बीजेपी है आमने-सामने
सपा नेता आजम खान के गढ़ माने जाने वाले रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा। इस चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने-सामने हैं। इस सीट से भाजपा ने आकाश सक्सेना पर दांव चला है, जो हमेशा से ही आजम खान के धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं। दूसरी ओर सपा ने इस सीट से आजम खान के करीबी आसिम रजा को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के लिए यहां मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं कि क्योंकि यहां पर बीते दिनों उपचुनाव से पहले ही लोग बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
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