सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन होना अभी बचा है। ऐसे में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी का सपा में विलय होने के बाद नए पदाधिकारियों का ऐलान भी होगा। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में उनके सामने पांच अहम चुनौतियां होने वाली है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव की मैनपुरी सीट में सपा की जीत के बाद अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल पार्टी में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही शिवपाल यादव के सपा के साथ आने के बाद लगातार यह कयास लग रहे हैं कि उन्हें कोई बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। हालांकि शिवपाल के सामने कठिनाईयां भी आने वाले दिनों में कम नहीं होगी। लोकसभा चुनाव में भी शिवपाल को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ेगा। पार्टी पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन करे इसकी जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही होगी।
पांच बिंदुओं में समझते है शिवपाल की चुनौतियां
अखिलेश यादव के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के साथ ही यूपी में हुए उपचुनाव के परिणाम शिवपाल की भूमिका अहम हो गई है। मौजूदा समय की राजनीति में शिवपाल यादव पार्टी के सबसे अहम भूमिका निभाने वाले बूथ को नए सिरे से गठन करने की भी जिम्मेदारी निभाएंगे। तो चलिए समझते है पांच बिंदुओं में कि आने वाले लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव के सामने कौन सी बड़ी पांच चुनौतियां होने वाली है।
1. सपा का निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी में पद के साथ निकाय चुनाव की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। राज्य में निकाय चुनाव समाजावदी पार्टी के लिए 2024 लोकसभा चुनाव से पहले की बड़ी अग्निपरीक्षा मानी जा रही है। निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी का बेहतर प्रदर्शन ही लोकसभा चुनाव के लिए एक बड़ा कदम भी होगा। ऐसे में शिवपाल यादव निकाय चुनाव के टिकट और प्रत्याशियों के जिताने तक में बेहतर प्रदर्शन करवाने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
2. पार्टी का बनाया जा सकता है राष्ट्रीय महासचिव
शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। चाचा शिवपाल को अखिलेश यादव राष्ट्रीय महासचिव बनाकर यूपी में सपा को मजबूत करने को लेकर उनकी जिम्मेदारी बढ़ाएंगे। मैनपुरी उपचुनाव में भारी मतों के साथ जीत के बाद ही शिवपाल यादव समेत उनके बेटे आदित्य ने भी ट्विटर का बायो और प्रोफाइल पिक्चर हटा दी है। फिलहाल शिवपाल नए जिम्मेदारी मिलने के इंतजार में है।
3. अखिलेश को लोकसभा चुनाव में है जिजाऊ चेहरे की तलाश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को लोकसभा चुनाव में जिताऊ चेहरे तक की तलाश की जिम्मेदारी निभाने के लिए देंगे। ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल यादव के राजनीतिक अनुभव के कंधे के सहारे अखिलेश यादव पार्टी को और खुद भी ग्राउंड लेवल पर जाकर संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इसी कारणवश अखिलेश यादव लगातार उन क्षेत्रों के दौरे पर हैं, जहां पार्टी से संबंधित कार्यक्रम या कार्यकर्ताओं के घर जाना हो रहा है। उपचुनाव के बाद कन्नौज समेत कानपुर का दौरा कर चुके है।
4. सड़क से लेकर सदन तक जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा पद
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रदेश कार्यकारिणी में शिवपाल यादव समेत कई ऐसे चेहरों को जिम्मेदारी दी जाएगी, जो संगठन को लेकर अपनी अलग ही भूमिका निभाएंगे। इसी वजह से निकाय चुनाव से पहले संगठन और प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया समाजवादी पार्टी में निभाई जा रही है। इसके लिए शिवपाल सिंह यादव के कार्यकर्ता सपा के कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बढ़ाने से लेकर नए चेहरे की तलाश में जुट गए हैं। माना यह भी जा रहा है कि नई कार्यकारिणी में सड़क से लेकर सदन तक की भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को पद दिया जाएगा।
5. बूथ लेवल तक मजबूत कराने की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल संभालेंगे
समाजवादी पार्टी को बूथ लेवल तक मजबूत करने की जिम्मेदारी अब चाचा शिवपाल यादव के कंधे पर रहेगी। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय महासचिव के पद के साथ शिवपाल यादव सपा के बूथ लेवल को मजबूत करके सपा को फिर से ग्राउंड लेवल पर खड़ा करेंगे। इसको लेकर शिवपाल सिंह यादव ने तैयारियां भी करनी शुरू कर दी हैं। यह बात तब स्पष्ट हुई थी जब अखिलेश यादव के साथ उनकी मीटिंग बीते दिनों में हुई थी। फिलहाल एक बार फिर से सपा के संगठन को बूथ लेवल तक मजबूत करने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को देने जा रहे हैं।
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