समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। उन्होंने लोकसभा के महासचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। फिलहाल वह मुरादाबाद से सांसद हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के सासंद डॉ एसटी हसन को अहम जिम्मेदारी दी है। दरअसल डॉ एसटी हसन को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। इसको लेकर उन्होंने लोकसभा के महासचिव को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। फिलहाल डॉ. एसटी हसन मुरादाबाद से लोक सभा सांसद हैं। पत्र में लिखा है कि समाजवादी संसदीय पार्टी ने दिनांक 12-12-2022 से डॉ एसटी हसन, संसद सदस्य लोकसभा को सदन में समाजवादी पार्टी का नेता नियुक्त किया है।
सांसद एसटी हसन के नेताजी थे बहुत करीबी
सपा सांसद एसटी हसन ने मुलायम सिंह यादव नेताजी को याद करते हुए कहा कि जो भी नेता उनके पास जाता था उसे ऐसा लगता था कि वह ही उनके सबसे करीबी है। नेताजी कभी नाराज नहीं होते थे और वह सभी का ख्याल रखते थे। सपा सांसद ने आगे कहा कि भारत की राजनीति में सांप्रदायिकता के सबसे बड़े विरोधी थे तो वह नेताजी ही थे। उन्होंने कभी सांप्रदायिक राजनीति नहीं की बल्कि वह तो हमेशा सबको साथ लेकर चलने की बात करते थे।
रामपुर उपचुनाव को लेकर भड़के अखिलेश
बता दें कि रामपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन की हार हुई है। दो सीटों पर जीत के बाद भी सपा गठबंधन के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात आजम खान के गढ़ में पार्टी की हार है। रामपुर उपचुनाव पर जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सवाल किया गया तो वह भड़क गए। अखिलेश कहते है कि रामपुर का जो चुनाव है वो चुनाव नहीं हुआ, वहां प्रशासन ने वोट लूट लिया है। इतना ही नहीं वह आगे कहते है कि पुराने चुनाव आयोग के अगर आप आंकड़े बूथ वार देखेंगे तो पाएंगे कि जहां जितना वोट पड़ता था, उतना वोट वहां नहीं पड़ा है। इस बार प्रशासन ने पुलिस लगाकर वोट नहीं डालने दिया है।
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