वक्फ की जमीन से निजी कब्जे हटाने की यूपी सरकार की खास तैयारी, 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए दिया था आदेश  

Published : Sep 22, 2022, 10:34 AM ISTUpdated : Sep 22, 2022, 10:46 AM IST
वक्फ की जमीन से निजी कब्जे हटाने की यूपी सरकार की खास तैयारी, 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए दिया था आदेश  

सार

योगी सरकार वक्फ की जमीन पर हुए अवैध कब्जे हटाने की तैयारी कर रही है। 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन के निरीक्षण का आदेश दिया गया है। इसी को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का कहना है कि इन जमीनों को मुक्त कराकर सरकारी स्कूल, अस्पताल इत्यादि बनाए जाएंगे। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार वक्फ की जमीन पर हुए अनाधिकृत निजी कब्जे हटाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन का परीक्षण करने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं एक महीने के अंदर सर्वे का पूरा करवाने के साथ-साथ रिपोर्ट सौंपने का आदेश भी दिया है। प्रदेश के 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराया जाए। इसी मसले पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा है कि ऐसी जमीन को मुक्त कराकर अस्पताल, स्कूल आदि बनाए जाएंगे।

सरकार ने 1989 में कांग्रेस के आदेश को किया रद्द
राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि यदि कोई सार्वजनिक जमीन वक्फ संपत्ति में दर्ज कर ली गई है तो उसे रद्द कर राजस्व विभाग में मूल स्वरूप में दर्ज किया जाए। दरअसल सात अप्रैल 1989 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि यदि सामान्य संपत्ति बंजर, भीटा, ऊसर आदि भूमि का इस्तेमाल वक्फ के रूप में किया जा रहा है तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया जाए। इस आदेश के अंतर्गत राज्य में लाखों हेक्टेयर भीटा, ऊसर, बंजर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई है। 

सरकार को वक्फ की जमीन को लेकर मिल रही थी शिकायत
इन जमीनों को लेकर योगी सरकार की मंशा है कि वर्तमान में सरकारी जमीन यदि वक्प में दर्ज है लेकिन उसका सार्वजनिक उपयोग हो रहा है तो ठीक है पर यदि इन पर अनाधिकृत कब्जे हैं तो कार्रवाई हो। इन जमीनों पर आवासीय कॉलोनियां तक डेवलेप हुईं और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। इतना ही नहीं ऐसी शिकायतें भी आईं हैं कि सार्वजनिक उपयोग की भूमि को 33 साल पुराने आदेश के क्रम में पहले वक्फ में दर्ज कराया गया और फिर बेचा गया।

अवैध कब्जे की निशानदेही के बाद होगी कार्रवाई
योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि वक्फ की जमीन ईश्वर की जमीन है। उसपर किसी को कब्जे का अधिकारी नहीं है। इस सर्वे को कराकर अवैध कब्जे वाली जमीन की निशानदेही की जाएगी और उसके बाद ही कार्रवाई होगी। सरकार चाहती है कि ऐसी जमीन से अवैध कब्जे को हटाकर वहां अस्पताल व स्कूल आदि बनें और इसका लाभ अल्पसंख्यकों को भी हो। सरकार नेक नीयत से इस सर्वे को करा रही है। 

वक्फ जमीन का सर्वे कराना सरकार का सकारात्मक कदम
वहीं उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी का कहना है कि जो 33 साल पुराना त्रुटिपूर्ण आदेश था उसको रद्द किया गया है। उनका कहना यह भी है कि सरकार समय-समय पर ऐसे शासनादेश हटाती रहती है जो अनुकूल नहीं है। आगे कहते है कि वक्फ संपत्तियों का सर्वे सरकार का बहुत ही सकारात्मक कदम है इसलिए इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। इसे गलत ढंग से न लिया जाए। दूसरी ओर विपक्ष सरकार के इस फैसले के बाद से घेरने में लगा हुआ है।

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