यूपी: मदरसों में छात्र किस विषय की कर रहे पढ़ाई को लेकर भी होगा सर्वे, शिक्षा अधिकारियों से मांगी पूरी जानकारी

यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बाद अब छात्र किस विषय की पढ़ाई कर रहे है, इसको लेकर भी सर्वे किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के विशेष सचिव ने पत्र भेजकर शिक्षा अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 5, 2022 5:22 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनने के बाद जनता के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। इसी क्रम में राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे की रिपोर्ट 15 नवंबर तक मांगी गई है। यह सर्वे दस सितंबर से शुरू हुआ था। वहीं अब राज्य में अनुदानित मदरसे के छात्र किस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं, इसका भी सर्वे होगा। इसके अलावा उन्हें किस विषय की कितनी पुस्तकों का निशुल्क वितरण हुआ है। इसके बारे में जानकरी पाठ्यपुस्तक अधिकारी डॉ पवन कुमार ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी है। 

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के विशेष सचिव ने भेजा पत्र
दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिए थे कि मदरसों में पुस्तकों के वितरण को लेकर प्रारूप बदला जाए। उन्होंने कहा था छात्रों को कोर्स की एनसीईआरटी किताबों के लिए उनके अभिभावकों के खातों में सीधे पैसे दिए जाएं ताकि वह अपने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकें खरीदकर दे सकें। पर यह योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्यभर के 558 अनुदानित मदरसों में कक्षा आठ तक के छात्रों को फ्री पुस्तकें दी जा रही हैं।

Latest Videos

अभिभावकों के खाते में पैसे भेजने पर किया जाएगा विचार
आनंद कुमार सिंह ने भेजे गए पत्र में यह भी कहा है कि पाठ्यपुस्तकें खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के खातों में सीधा पैसा डालने के फैसले से धनराशि का दुरुपयोग की आशंका है। इस वजह से पैसे भेजने के फैसले पर दोबारा विचार किया जाएगा। उन्होंने यह सूचना मांगी है कि अनुदानित मदरसों में चालू वित्तीय वर्ष में कुल कितने विषयों की कितनी पुस्तकें किन-किन भाषाओं में उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा यह भी बताना होगा कि उर्दू माध्यम की कुल वितरित पुस्तकों की संख्या शहर के अनुसार कितनी है। विशेष सचिव ने यह भी कहा है कि उर्दू भाषा की पुस्तकों की संख्या के साथ-साथ अन्य भाषा की पुस्तकों के वितरण पर भी सूचना भेजनी होगी। इन सभी की सूचना नवंबर महीने के पहले सप्ताह में ही देने को कहा गया है।

नोएडा से दुल्हन लेकर लौट रही कार की यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई भीषण भिड़ंत, दूल्हे के पिता समेत 4 की मौत

'अच्छा होता चंदा लेकर प्राइवेट में करवा लेते इलाज' सुरेश मांझी के इलाज के लिए हैलट में घरवालों ने मांगी भीख

Share this article
click me!

Latest Videos

सावित्री जिंदल से भी अमीर है एक बंदा, जानें हरियाणा चुनाव में कौन है 10 सबसे अमीर प्रत्याशी?
Hezbollah में जो लेने वाला था नसरल्ला की गद्दी, Israel ने उसे भी ठोका
आखिर क्या है ISRAEL की ताकत का सबसे बड़ा राज
जवानों का सबसे खतरनाक एक्शन, एक झटके में 28 नक्सली ढेर, जानें मुख्यमंत्री ने क्या कहा
इजरायल ने हमास सरकार के चीफ सहित 3 टॉप लीडर्स को किया ढेर