
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में शराब से जमकर कमाई हो रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में प्रदेश सरकार को शराब से हासिल राजस्व में 20.45 फीसदी का उछाल आया है। मीडिया रिपोर्टस में आबकारी विभाग के हवाले से इस बात का जिक्र किया गया है। बताया गया कि वित्त वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर लगे लाइसेंस शुल्क से और आबकारी कर से कुल 36,208.44 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है। इससे पहले यह राजस्व 30,061.44 करोड़ था।
गौरतलब है कि शराब की दुकान से सरकार सालाना करोड़ों का राजस्व हासिल करती है। यह बात सामने आए आंकड़ों से और भी साफ हो गई है। जाहिरतौर पर देखा जा सकता है कि इन आंकड़ों में लगातार और भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बढ़ोत्तरी को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और आबकारी आयुक्त सेंथिल पंडियन ने पारदर्शी नीति और लगातार निगरानी का परिणाम बताया है।
चार साल में 2076 नई दुकानों को मिला लाइसेंस
आबकारी विभाग की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि चार साल में शासन की ओर से कई नई दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच में शराब की 2076 नई दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। यह लाइसेंस चार विभिन्न तरह के खुदरा दुकानों के लिए दिए जाते हैं। इसमें देसी शराब, विदेशी शराब, मॉडल शॉप और बीयर शॉप शामिल हैं।
आबकारी विभाग मुहैया करवाता है सबसे अधिक राजस्व
आबकारी विभाग की ओर से सरकार को सर्वाधिक राजस्व मुहैया करवाया जाता है। ज्ञात हो कि मार्च 2021 में शराब की कीमतों में वृद्धि भी देखने को मिली थी। उस दौरान कोरोना महामारी के चलते इस पर कोविड सेस लगाया गया था। इसी वजह से 10 रुपए से लेकर 40 रुपए तक की वृद्धि देखने को मिली थी। वहीं आबकारी और गन्ना-चीनी उद्योग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के अनुसार 36000 करोड़ रुपए से अधिक की हमारी प्रतिबद्धता थी। लगातार 3 कोविड लहर और लॉकडाउन और लाइट कर्फ्यू के बावजूद इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सका है।
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